Somvati Vrat Katha 2024: सोमवती अमावस्या व्रत में करें इस कथा पाठ, मिलेगा सौभाग्यवती का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में हर तीज-त्योहार पर व्रत कथा होता है. इस साल के भादो महीने में पड़ने वाला सोमवती अमावस्या में भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. अपने पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. साल 2024 में यह 2 सितंबर को पड़ रहा है.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार किसी गांव में एक गरीब ब्राम्हण का परिवार रहता था, उसके परिवार में कुल तीन लोग रहते थे, जिमसें पति-पत्नी और उसकी एक पुत्री थी. समय के साथ उसकी पुत्री बड़ी होने लगी वह दिखने में बेहद खुबसूरत और गुणवान थी. ब्राम्हण को अपनी पुत्री के विवाह की चिंता सताने लगी क्योंकि वह गरीब थे.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
कुछ समय बाद उनके घर एक साधु-महात्मा पधारे, ब्राम्हण की पुत्री ने उनका खुब सेवा-भाव किया, जिससे प्रसन्न होकर साधु ने उसे आशीर्वाद दिया. ब्राम्हण ने अपनी पुत्री के विवाह के बारे में पूछा तब साधु ने कुंडली देखकर कहा कि इसके हाथ में विवाह की रेखा नहीं है. इस बात से चिंतित होकर ब्राम्हण ने उपाय पूछा.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
साधु ने बताया कि यहां से कुछ दूर बसे गांव में एक सोना नाम की धोबिन रहती है. वह बहुत ही संस्कारी और आदर्शों वाली महिला है, अगर तुम उसकी सेवा करो और तुम्हारी शादी के दिन धोबिन अपने मांग का सिंदूर लगा दे, तो इसका वैधव्य योग खत्म हो जायेगा.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
अगली दिन ब्राम्हण की पुत्री धोबिन के घर जाकर चुपचाप सारे काम करके चली आती. धोबिन ने अपनी बहू से कहा इतनी सुबह उठकर काम कर लेती हो पता ही नहीं चलता तब उसकी बहू ने कहा मुझे लगा, यह काम आप कर रहीं है. इस बात से दोनों को ताजुब्ब हुआ कि आखिर ये सब कौन कर रहा है.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
अगली सुबह धोबिन ने देखा कि एक कन्या उसके घर की साफ-सफाई कर रही है, जब वह जाने लगी तो धोबिन उसका पैर पकड़कर पूछने लगी कि आप कौन हैं और इस तरह मेरे घर की चाकरी क्यों कर रही हैं? कन्या ने साधु की सारी बातें बता दी. धोबिन उसके मांग में सिंदूर लगाने को तैयार हो गई.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
धोबिन के पति स्वस्थ नहीं थे, उसने अपनी बहू का ख्याल रखने को कहा जब तक कि वह लौटकर न आ जाए. धोबिन ने सोमवती अमावस्या का व्रत रखा था. कन्या के घर जाकर जैसे ही अपने मांग का सिंदूर लगाया उसी समय उसके पति की मृत्यु हो गई. वह पति-परायण थी, उसको पता चल गया. धोबिन बिना पानी पिए घर से निकली थी ताकि रास्ते में पीपल के पेड़ को भंवरी देकर अपने पति के स्वास्थ की कामना करेगी.
सोमवती अमावस्या व्रत कथा 2024
ब्राम्हण के घर से दान में मिले सारे मिठाई और पकवान को छोड़कर उसने ईंट के 108 टुकड़ों की भंवरी देकर परिक्रमा की और पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा. ऐसा करने पर उसका पति जीवित हो गया और तभी से सोमवती अमावस्या का व्रत रखा जाने लगा.
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