Cloudburst: बादल क्यों और कैसे फट जाते हैं, इससे बचने के लिए क्या करें?

Shimla Cloud Burst: हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से त्राहिमान मचा हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे में एक युवक की मौत की खबर भी सामने आ रही है. इसी बीच बहुत से यूजर्स गूगल पर ये सर्च कर रहे हैं कि बादल कैसे फटता है, तो आइए हम आपको बताते हैं विस्तार से...

अंश राज Thu, 01 Aug 2024-12:52 pm,
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Cloud Bursting : हिमाचल प्रदेश में बीते रात से जोरदार बारिश के बाद मंडी, रामपुर, कुल्लू में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है. सैंकड़ों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं कुल्लू में बाढ़ आने के कारण एक व्यक्ति की मौत की भी खबर सामने आ रही है. 

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इस बीच बहुत से लोगों के दिमाग में यह बात जरूर आ रही होगी कि आखिरकार बादल फटता कैसे है? क्या गुब्बारे की तरह या फिर कोई और. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि बादल कैसे फटता है और इसके फटने के पीछे क्या वजह होती है साथ ही हम जानेनें कि बादल फटने के बाद आप इस प्रलय से कैसे खुद को बचा सकते हैं, तो आइए जानते हैं "बादल क्यों और कैसे फट जाते हैं अरु इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए". 

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कब कहते हैं कि फटा है बादल...

वैज्ञानिक भाषा में अगर बादल फटने के बारे में जानें, तो साइंस के हिसाब से बादल फटना एक टेक्निकल टर्म है. इसका मतलब है कि अचानक से बहुत ज्यादा बारिश हो जाना. मौसम विभग के मुताबिक बादल फटने (Cloud Bursting) का मतलब होता है कि एक घंटे में 100 MM बारिश होती है तो इसे बादल फटना कहा जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि जमीन की सतह से 12 से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होने वाली भारी बारिश को ही बादल का फटना कहा जाता है.

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कैसे फटते हैं बादल?

जब नमी से भरे बादल एक निश्चित स्थान पर रुक जाते हैं और उनके भीतर मौजूद पानी की बूंदें एक साथ आ जाती हैं. इसे ही बादलों का फटना कहा जाता है. बादलों में पानी के अधिक भार के कारण इसका घनत्व (Density) बढ़ जाती है. इसी कारण बहुत ज्यादा बारिश होती है, जो अनुमान से भी अधिक होती है. साइंस में ऐसा भी कहा गया है कि जिस स्थान पर 100 लीटर प्रति घंटे की दर से बारिश हो होती है, वहां बादल फटना कहा जाता है. 

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क्यों फटता है बादल?

मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार जब बादल भारी मात्रा में अपने साथ पानी लेकर चलते हैं और इस दौरान उनके रास्ते में कोई रूकावट या ऊँची चीज जैसे पहाड़ी आती है, तो उनसे टकराकर बादल फट जाते हैं और इसी कारण वहां बहुत ही तेज गति से बादल बरसता है. जानकारी के लिए बता दें कि किसी एक जगह जब बादाल बरस जाते हैं, तो इसे बादल फटना कहा जाता है, जिसके बाद उस जगह और उसके नीचे कि ओर आने वाले रास्तों में बाढ़ जैसी स्थित बन जाती है और तेजपानी के भाव के कारण रस्ते में आने वाले सब्जी मकान, रस्ते, वाह और लोग चपेट में आ जाते हैं.

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कब फटते हैं बादल?

जब बादलों के रास्ते में अवरोध पहाड़ और गर्म हवा आती है, तब बादलों के फटने की संभावना 60% तक बढ़ जाती है. इसके अलावा तेजी से पेड़ों का कटना भी बादलों के फटने का कारण है. जानकारी के लिए बता दें कि तेजी से हो रहे शहरीकरण और बढ़ते प्रदूषण के कारण भी बादलों के फटने की घटना में बढ़ोतरी हुई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के लिए जंगलों पर दबाव हो रहा है यह भिओ बादलों के फटने का एक कारण है. इसके अलावा जब कई बादल आपस में टकरा जाते हैं, तब भी ऐसी घटना होती है.

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