भारत में पांच सालों में 628 बाघों की मौत, जानें- कब, कैसे और क्यों?

Why tigers die in India: भारत में 600 से अधिक बाघ मरे हैं. ये आंकड़ा मात्र पांच सालों का है. सरकार ने ये आंकड़ा जारी किया है.

नितिन अरोड़ा Fri, 26 Jul 2024-6:51 pm,
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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में भारत में कुल 628 बाघों की मौत हुई है. इस दौरान बाघों के हमलों में 349 लोग मारे गए, जिनमें से अकेले महाराष्ट्र में 200 मौतें दर्ज की गईं.

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डाटा के अनुसार बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों और अन्य कारणों से हुई. वर्तमान में भारत में 55 बाघ अभयारण्य (tiger reserves) हैं, जो 78,735 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले हैं, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.4 प्रतिशत है.

 

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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अनुसार 2019 में 96 बाघों की मौत हुई, 2020 में 106, 2021 में 127, 2022 में 121 और 2023 में 178 बाघों की मौत हुई.

 

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केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि 2019 और 2020 में बाघों के हमलों में 49-49 लोग मारे गए, 2021 में 59, 2022 में 110 और 2023 में 82 लोग मारे गए. उत्तर प्रदेश में बाघों के हमलों में 59 लोगों की मौत हुई, जबकि मध्य प्रदेश में 27 लोगों की मौत हुई.

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नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में बाघों की संख्या 3,682 थी, जो वैश्विक जंगली बाघ आबादी का लगभग 75 प्रतिशत है. भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 1 अप्रैल, 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी. शुरुआत में, इसमें 18,278 वर्ग किलोमीटर में फैले नौ बाघ अभयारण्य शामिल थे.

 

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