बड़ी खबरः अकाली दल ने NDA का साथ छोड़ा
कृषि बिलों का विरोध कर रहे अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का एलान कर दिया है.
नई दिल्लीः शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) शुक्रवार को NDA से अलग हो गया. कृषि बिलों का विरोध कर रहे अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का एलान कर दिया है. इसके पहले हरसिमरत कौर ने जब मंत्रीमंडल से इस्तीफा दिया था तभी यह अटकलें चलनें लगी थीं कि क्या अकाली NDA से अलग हो जाएगा. हालांकि तब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इससे इन्कार किया था.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि 'हम एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते हैं जो इन अध्यादेशों को लाया है. यह सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब एनडीए का हिस्सा नहीं है.
10 दिन पहले हरसिमरत कौर ने दिया था इस्तीफा
अकाली दल की एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने कृषि बिलों के विरोध में गुरुवार (17 सितंबर) को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
Harsimrat Kaur Badal ने प्रधानमंत्री (PM Modi) को सौंपे अपने इस्तीफ़े में लिखा था कि कृषि उत्पाद की मार्केटिंग (Marketing) के मुद्दे पर किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना भारत सरकार (Indian Government) ने बिल को लेकर आगे बढ़ने का फ़ैसला लिया है. इसलिए वह इस्तीफा दे रही हैं.
NDA से टूटा दशकों पुराना नाता
शिरोमणि अकाली दल की ओर से हुई इस घोषणा के बाद NDA से दल का दशकों पुराना नाता भी टूट गया. हालांकि हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद जब ऐसी चर्चा उठी थी तो पंजाब की इस पार्टी के मुखिया सुखबीर सिंह ने कहा था कि (Sukhbeer Badal) ने कहा कि NDA का हिस्सा बने रहना है या अब अलग हुआ जाए, बाद में इसका फैसला भी करेंगे. हम अभी मोदी सरकार से बाहर हुए हैं लेकिन NDA से नहीं.
यह भी गौर करने वाली बात है कि NDA की स्थापना 1998 में कई गई थी. शिरोमणि अकाली दल इसमें सबसे पुराने साथियों में से था. गठन के बाद से अब तक कई दल आए-गए लेकिन शिअद ने नाता नहीं तोड़ा था. किसान बिल के बाद पिछले हफ्ते शिअद ने बागी तेवर अपनाए थे, जिसकी परिणिती शुक्रवार को अलगाव से सामने आई.
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शिरोमणि अकाली दल पर था दबाव
किसान बिल के खिलाफ एक स्पष्ट रुख लेने के लिए अकाली दल पर दबाव भी काफी था. अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति की 'रेल रोको' अभियान कर रही है. समिति के महासचिव एसएस पंढेर ने कहा था, 'अकाली दल स्पष्ट रुख नहीं अपना रहा है.
वे अभी भी गठबंधन में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं और राजनीति कर रहे हैं. इसके बाद अकाली दल ने ये ऐलान किया है.
इसी तरह कौर के इस्तीफे से पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने चुनौती दी थी कि बादल परिवार अब भी सरकार के साथ चिपके हुए हैं, जबकि मोदी सरकार किसानों के खिलाफ बिल ला रही है. इसके बाद ही इस्तीफा आया था.
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