मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना ने जब से BJP का साथ छोड़कर कांग्रेस और NCP के साथ सरकार बनाई है तब से सभी उसकी विचारधारा पर सवाल खड़े कर रहे हैं. खुद को हिंदुत्व की सबसे बड़ी ध्वजवाहक कहने वाली शिवसेना ने धुर विरोधी वैचारिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की शरण मे जाकर महाराष्ट्र में सत्ता पाई. इसके बाद से ही उद्धव ठाकरे लोगो के निशाने पर रहते हैं.


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राज्यपाल और उद्धव ठाकरे में तकरार



महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कहा है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि 1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं. इस चिठ्ठी में राज्यपाल ने शिवसेना के हिंदुत्व पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया जिससे उद्धव ठाकरे तिलमिला गए.


हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना को झेलनी पड़ रही बेइज्जती


आपको बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की थी.


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राज्यपाल ने चिठ्ठी में उल्लेख किया है कि आपने (शिवसेना) आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? उल्लेखनीय है कि इसका जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे हिंदुत्व के सम्बंध में किसी भी भी व्यक्ति से सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है. 


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