जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस सरकार पूरी तरह अशोक गहलोत के इशारे पर नाच रही है. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व संकट टालने बजाय वही राग अलाप रहा है जो सीएम गहलोत चाहते हैं. कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करके अब उन्हें नोटिस भी थमा दिया है.


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विधायकों की सदस्यता पर खतरा



सचिन पायलट के गुट से कांग्रेस ने सवाल किया है कि उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लंघन क्यों किया. जिन विधायकों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया उन्हें 2 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा अन्यथा पार्टी उनकी सदस्यता के विषय में कोई कठोर कार्रवाई कर सकती है. ये चेतावनी राजस्थान कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों को दी गयी है.


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अशोक गहलोत को गिराने के चक्कर में सचिन पायलट इतना आगे निकल आये हैं कि अब वे पीछे जाने पर बहुत शर्मिंदा होंगे. सचिन पायलट को बहुत बेइज्जत करके कांग्रेस ने उनसे सभी पद एक झटके में छीन लिए. ऐसा लगता है कांग्रेस को सचिन पायलट की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है.


राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे सचिन पायलट को आगाह करते हुए कहा कि अगर वे 48 घंटे में नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उनकी पार्टी की सदस्यता रद्द करके कठोर सजा दी जाएगी और उनकी विधानसभा सदस्यता भी ली जा सकती है.