बे`बस` मजदूरों के साथ फर्जीवाड़ा, प्रियंका गांधी के सचिव पर मुकदमा
देशभर के कई राज्यों से मजदूर पैदल चलकर उत्तरप्रदेश के बॉर्डर तक पहुंच गए हैं. कांग्रेस शासित राज्यों की नाकामियों को छिपाने के लिए प्रियंका गांधी उत्तरप्रदेश की सरकार को मजदूरों की बेबसी के लिये आरोपी बनाने की कोशिश कर रही हैं.
लखनऊ: देशभर में 31 मई तक लॉकडाउन है. इस वजह से भिन्न भिन्न राज्यों में प्रवासी मजदूर फंस गए हैं और अब अपने घर जाने के लिए उत्सुक हैं. केंद्र सरकार विशेष ट्रेनें चलाकर मजदूरों को घर भेजने का प्रबंध कर रही है और लाखों मजदूर घर भेजे भी जा चुके हैं. अब श्रेय लेने के चक्कर में प्रियंका गांधी योगी सरकार से बस चलाने की अनुमति मांग रही हैं. उन्होंने जिन 1000 बसों की लिस्ट उत्तरप्रदेश सरकार को भेजी है, उसमें से कई बसों के नम्बर गलत पाए गए.
प्रियंका गांधी के निजी सचिव और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर FIR
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर एफआईआर हो गई है. यूपी सरकार को बसों की सूची भेजने के मामले में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए संदीप सिंह और अजय कुमार लल्लू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
भारतीय दंड संहिता धारा 420/467/468 के तहत लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि दोनों के खिलाफ बसों की लिस्ट में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.
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उत्तरप्रदेश सरकार का आरोप है कि बसों की लिस्ट में ऑटो, एंबुलेंस, बाइक के नंबर मिले थे. कुछ बसों के नंबर की पुष्टि ही नहीं हो पाई थी. जबकि कुछ बसों के नंबर चोरी के वाहन की होने की आशंका भी जाहिर की जा चुकी है.
प्रियंका ने मजदूरों के लिए बस भेजने की मांगी थी अनुमति
आपको बता दें कि प्रियंका गांधी ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी. उनका आरोप है कि यूपी सरकार उन्हें बसें चलाने की अनुमति नहीं दे रही है. वहीं योगी के सलाहकार का आरोप है कि कांग्रेस से बसों की डीटेल मांगी गई जिसमें बाइक-कार और ऑटो के नंबर थे. जब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उन्हें अनुमति दे दी तब उन्होंने फर्जीवाड़ा कर दिया. इससे कांग्रेस के दोहरेपन का पता चलता है.
उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे-प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं. यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं. ऐसे में प्रिंयका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी.