नई दिल्ली: कांग्रेस 'लड़' रही है या 'टूट' की तरफ बढ़ रही है? ये सवाल असलिए कि अभद्रता के 'आइटम' पर कमलनाथ घिर गए हैं. कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इमरती देवी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इमरती देवी बीजेपी की दलित महिला नेता हैं और ग्वालियर के डबरा से विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार भी हैं. उनके लिए कमलनाथ ने पहले तो असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया और फिर राहुल गांधी की नाराज़गी को नज़रअंदाज़ करते हुए कमलनाथ ने माफी मांगने से भी इनकार कर दिया.


फिर भावुक हुईं इमरती देवी


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बीजेपी की उम्मीदवार इमरती देवी ने एक बार फिर भावुक होते हुए कहा कि कमलनाथ की भाषा गुंडागर्दी वाली भाषा है, आवारापन दिखाती है. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राहुल की नाराज़गी के बावजूद कमलनाथ माफी मांगने को तैयार नहीं है. शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के टुकड़े हो रहे हैं.


शिवराज सिंह ने लगाई लताड़


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मतभेद पर कांग्रेस को घेर लिया. शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के टुकड़े हो रहे हैं. शिवराज ने तो सीधा सवाल किया कि ये कांग्रेस किसकी है?


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "राहुल गांधी जी की बात कमलनाथ जी मानते कब हैं? वचन पत्र के वादे भी कहां पूरे किये? नेता कह रहे हैं, दुर्भायपूर्ण है. कमलनाथ कह रहे हैं, उनके लिए होगा. ये कांग्रेस किसकी है? सोनिया जी की या कमलनाथ जी की, नेता की भी नहीं मान रहे. कांग्रेस कार्यकर्ता मानेंगे किसकी? राहुल जी की या कमलनाथ जी की. कांग्रेस के टुकड़े हो रहे हैं."


जहां इस मामले पर राजनीति हो रही है, वहीं डबरा विधानसभा से बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी इस बात से काफी आहत हैं. दलित महिला नेता के लिए कमलनाथ ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, इससे वो अब तक उबर नहीं पाईं हैं.


इमरती देवी ने कहा कि "एक भी नेता ने मुझ पर टिपण्णी नहीं की, 10 साल विपक्ष में बैठी, एक भी बीजेपी नेता ने टिपण्णी नहीं की. जब कमलनाथ ने मुझे बोलने में शर्म नहीं की, तो आम महिला को क्या कहेंगे? ये गुंडों की भाषा है, ये गुंडागर्दी आवारापन की भाषा है. उनकी भी बेटी बहू हैं, हमें एक-एक बात का पता है, हमने क्या आजतक टिपण्णी की है? इतनी हलकी सोच मेरी नहीं, जितनी उनकी है वो महिलाओं को कुछ नहीं समझते हैं. जब तक दंड नहीं देगी माता जी, तब तक मैं भावुक होती रहूंगी."


सवाल नंबर 1). 'अभद्रता' के 'आइटम' पर कांग्रेस में संग्राम?


सवाल नंबर 2). कांग्रेस में राहुल बनाम कमलनाथ की लड़ाई?


सवाल नंबर 3). क्या कांग्रेस में अब राहुल गांधी की भी नहीं सुनी जाती?


ये सवाल इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि मध्य प्रदेश की बीजेपी नेता इमरती देवी पर दिए कमलनाथ के आपत्तिजनक बयान से राहुल गांधी नाराज़ हैं. राहुल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें ऐसी भाषा पसंद नहीं है और किसी को अपमानित करने का अधिकार किसी को भी नहीं है. राहुल ने ये तक कह दिया कि कमलनाथ भले ही मेरी पार्टी के हैं, वो चाहे जो भी हों, लेकिन जिस भाषा का उन्होंने इस्तेमाल किया है, मैं उसे बिल्कुल पसंद नहीं करता.


अब कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले, कांग्रेस का भविष्य माने जाने वाले राहुल गांधी अगर इस बात पर नाराज़ हैं तो ज़ाहिर है कि कमलनाथ को तो उनकी बात मानकर माफी मांग लेना थी, लेकिन कमलनाथ ने राहुल को भी अनसुना कर दिया. कमलनाथ ने साफ कह दिया कि उन्होनें गलती नहीं की, वो माफी नहीं मांगेंगे.


हमारा देश और हमारी संस्कृति महिलाओं के लिए की जाने वाली सार्वजनिक आपत्तिजनक टिपण्णी को सहज नहीं मानता. और दलितों-महिलाओं के अपमान को पचाया नहीं जा सकता. ऐसे में मध्य प्रदेश में बयानों की ये सियासत वोट में तब्दील होगी या नहीं, वो तो 10 नवंबर को पता चलेगा. लेकिन, कांग्रेस जिस तरह से आपस में ही लड़-भीड़ रही है, क्या वो टूट की तरफ आगे बढ़ रही है? 


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