दरिंदों को अपनी हवस की प्यास बुझाते वक्त शायद ये याद नहीं रहता कि जिस बेटी की आबरू को वो सरेआम जंगली भेड़िए की तरह नोच रहे हैं. उसी नारी शक्ति ने उन हैवानों को भी 9 महीने अपनी कोख में पोसा होगा. तभी तो देशभर में आए दिन रेप की घिनौनी वारदात की खबरें सामने आती रहती है. लेकिन, जब देश के नेताओं की नजर में ये वारदातें अपराध से कहीं ज्यादा राजनीतिक मुद्दा बन जाता है. तो हर किसी की जुबान से अपने समाज और सियासी ठेकेदारों के लिए एक ही शब्द निकलता है. "लानत है..."


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सरकार चाहें जिस पार्टी की क्यों ना हो, महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा समाज में बैठे हर शख्स की पहली मांग होती है. उत्तर प्रदेश हो, बिहार, राजस्थान या फिर झारखंड महिलाओं के साथ दुराचार की खबरें रोजाना हर किसी के रौंगटे खड़े कर देती हैं. हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के हाथरस की घटना पर जबरदस्त राजनीति देखी गई. निश्चित तौर पर पीड़िता को इंसाफ मिलना चाहिए, लेकिन इस मामले को रेप करार देकर राजनेताओं ने जहां एक ओर सियासी दुकान चमकाने की जीतोड़ कोशिश की तो वहीं दूसरी ओर मीडिया के लिए कुछ साथियों ने हाथरस में नौटंकी करके अपना चेहरा चमकाने का ट्रिक आजमाया.


"कांग्रेस और RJD की गोद में हेमंत सरकार"


पहले आपको झारखंड से जुड़े कुछ तथ्यों से रूबरू करवाते हैं. अगर कागजों में दर्ज आंकड़ों की बात करें, तो जानकारी के मुताबिक झारखंड में प्रतिदिन करीब 5 लड़कियों के रेप होते हैं. झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार है, जो RJD और कांग्रेस की गोद में बैठे हुए हैं. झारखंड में बढ़े दुष्कर्म के मामलों पर भाजपा ने हेमंत सरकार पर जुबानी हमला बोला है. जिसके बाद सियासी बवाल शुरू हो गया. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षड़ंगी ने CM हेमंत सोरेन और राहुल-प्रियंका पर जोरदार प्रहार किया है.


लेकिन सवाल ये है कि आखिर भाजपा नेता कुणाल षड़ंगी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर क्यों निशाना साधा? इसकी वजह जानने के लिए आपको महिला उत्पीड़न की कुछ वारदातों को समझना होगा..


1). ये मामला गुमला के चैनपुर थाना क्षेत्र के हर्रा डीपा गांव का है. जहां, 5वीं कक्षा की छात्रा को अगवा कर गांव के ही 5 युवकों ने गैंगरेप किया. उसके बाद दरिदों ने परिवार को धमकियां दी कि अगर पुलिस में मामला दर्ज कराया तो जान से मार देंगे. लेकिन यहां के मुद्दे को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सियासी मुद्दा नहीं बनाया.


2). एक और मामला खुद CM हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट का है. जहां, वहशी भेड़ियों ने नाबालिग लड़की का रेप करने के बाद मार डाला और फिर छज्जे पर फेंक दिया. इस केस में पुलिस की लापरवाही इस कदर सामने आई कि पीड़िता के शव को गाड़ दिया गया. मीडिया में जब इस खबर पर बवाल कटा तो बॉडी को निकालकर दिखावे के लिए कानूनी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. लेकिन यहां भी मैडम प्रियंका और राहुल गांधी नहीं पहुंचे.



3). इसके अलावा कुछ दिन पहले ही जमशेदपुर में पांच दरिंदों ने एक 17 साल की नाबालिग के साथ बंदूक की नोक पर गैंगरेप की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था. 4 दिन बाद पुलिस ने कार्रवाई की लेकिन राहुल गांधी प्रियंका गांधी ने सवाल नहीं पूछा.


4). हाल ही में ये वारदात भी सामने आई थी कि राजधानी रांची से तकरीबन 15 किलोमीटर दूर नगड़ी प्रखण्ड के सपारोम में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई. रात के दस बजे अपने घर से शौच करने निकले 12 साल की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था. राजधानी रांची में पुलिस के नाक के नीचे ऐसी वारदातें होती है और वहां प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने अपनी सरकार के CM हेमंत सोरेन से सवाल नहीं किया.


5). सीएम हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में ही बीते कुछ दिनों पहले थानेदार का एक वीडियो सामने आया है. जिसमें वो एक महिला को बुरी तरह से पीट रहा था. लेकिन इस मामले की असलियत जानकर आप हैरान रह जाएंगे. इस पुलिस वाले की गुंडई का वीडियो बनाने वाले के खिलाफ ही कार्रवाई हो गई.


अब झारखंड में हेमंत सरकार की नाकामी सामने आ रही है. रेप की वारदात देश के हर हिस्सों से सामने आ रही हैं. लेकिन भाजपा का सवाल इस बात पर है कि कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल और मैडम प्रियंका को अपने नेताओं की कमी क्यों नहीं नज़र आती है.



राहुल-प्रियंका का स्वागत करने को तैयार भाजपा


भाजपा प्रवक्ता ने तो ये भी कहा है कि बरहेट और गुमला के अलावा अन्य रेप की घटनाओं की पीड़िता और उनके परिजनों से मुलाकात करने के लिए यदि झारखंड आते हैं. तो भाजपा भी उनका अगुवानी करने खुद जाएगी.


लेकिन अफसोस कि प्रियंका मैडम शायद यूपी की सीएम बनने का ख्वाब देख रही हैं. तभी तो उन्हें पूरे देश में सारी खामियां सिर्फ उत्तर प्रदेश में नज़र आती हैं.


क्या हेमंत सोरेन को शर्म नहीं आती?


महिलाओं की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन आज हमारा समाज गंदगी से भर चुका है. गंदी सोच की तादाद बढ़ती ही जा रही है. इस बीच भाजपा प्रवक्ता कुणाल ने ये भी कहा है कि "सार्वाधिक आदिवासी, दलित और वंचित वर्ग की बहनों और महिलाओं की अस्मिता लूटी गई है, किंतु मुख्यमंत्री के खून में ना तो उबाल आया और ना ही सरकार संवेदनशील हुई."



निश्चित तौर पर हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि भाजपा शासित प्रदेशों में दुष्कर्म के वारदातों पर हो-हल्ला मचाने वाली कांग्रेस पार्टी आखिर झारखंड और राजस्थान में हो रही बेशर्मी पर चुप क्यों है?


रेप पर गरमा रही है सियासत


नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले पर लगातार लीपापोती हो रही है. झारखंड के अलावा राजस्थान का भी कुछ ऐसा ही हाल है. जहां, रोजाना दुष्कर्म की वारदातें सामने आती हैं. लेकिन राहुल-प्रियंका के कानों में जूं तक नहीं रेंगता. हाथरस के बाद प्रियंका और राहुल ने जो सियासत चमकाने की कोशिश की, उसपर लगातार बवाल कटा हुआ है. कांग्रेस पार्टी सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए ही महिलाओं की बात करती है? क्योंकि उसे राजस्थान और झारखंड में हो रहे हैवानियत का ज़रा भी ख्याल नहीं है.


खैर, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है, कांग्रेस पार्टी के "बंटी-बबली" के नाम से मशहूर गांधी परिवार के युवराज राहुल बाबा के साथ-साथ वाड्रा खानदान की बहु और गांधी कांग्रेस परिवार की बिटिया मैडम प्रियंका ने भी हाथरस के मुद्दे पर गजब का बवाल काटा. चलिए, उनकी इस हरकत से कोई परेशानी नहीं है, वो विपक्ष में हैं और विपक्ष का काम है सवाल पूछना लेकिन इन गांधी कांग्रेस परिवार के नेताओं को हाथरस तो याद रहा, लेकिन वो बलरामपुर भूल गए. उनके ज़ेहन में भाजपा शासित प्रदेश के अलावा राजस्थान और झारखंड में होने वाली हैवानियत पर ज़रा भी शर्म नहीं आई, उन्होंने सीएम योगी से सवाल तो पूछा लेकिन अपने मुख्यमंत्रियों के सामने इनकी जुबान पर ताला जड़ा रहा. सब राजनीति है भईया..


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