राजस्थान: अब जैसलमेर में डेरा डालेंगे कांग्रेस विधायक, सत्र से पहले सतर्क गहलोत
राजस्थान में सियासी उठापटक का अब नया दौर शुरू हुआ है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने सदन चलाने की अनुमति दे दी है. इसके बाद से अशोक गहलोत ने अपनी नई रणनीति बनाई है.
जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी खींचतान अब नए दौर में पहुंच गई है. होटल और रिजॉर्ट से शुरू हुआ ये घमासान अब विधानसभा के पटल पर पहुंच गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं तो वहीं सचिन पायलट अपना दम दिखाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
जैसलमेर के लिए रवाना हुए कांग्रेस विधायक
विधानसभा सत्र की तारीख के ऐलान के बाद कांग्रेस कैंप में हलचल तेज है और लगातार बैठकों का दौर जारी है. शुक्रवार को विधायकों को होटल से शिफ्ट करने की बात सामने आई है. कांग्रेस अपने विधायकों को नये ठिकाने पर ले जा रही है कक्योंकि कांग्रेस को डर है कि लंबे समय तक एक जगह पर विधायक रहेंगे तो उन्हें तोड़ा जा सकता है. अब अशोक गहलोत अपने सभी विधायकों को जैसलमेर में शिफ्ट कर रहे हैं.
14 अगस्त से शुरू हो रहे सत्र से पहले गहमागहमी
सूचना मिली है कि जयपुर के होटल से 53 विधायक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए हैं. सभी को चार्टर्ड फ्लाइट में जैसलमेर भेजा जाएगा. बाकी विधायकों को दूसरे राउंड में भेजा जाएगा. गौरतलब है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र के लिए 14 अगस्त की तारीख दी है, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को एकजुट रखने में लगी है.
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राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को चलाने की अनुमति देते हुए सरकार को कड़े दिशा निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि भीषण महामारी के दौर में सामाजिक दूरी और कोरोना प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाए. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिश है कि वे बसपा विधायकों की मदद से सदन में बहुमत साबित कर देंगे ताकि उनकी सरकार पर आया ये खतरा 6 महीने के लिए टल जाए.