जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी गतिरोध में सचिन पायलट को बहुत राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा है. सचिन पायलट से प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री का पद भी चला गया है. कांग्रेस ने पूरी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ दिया और 6 वर्षों तक राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए संघर्ष करने वाले सचिन पायलट को अचानक से दरकिनार कर दिया गया.


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सोनिया गांधी के करीबी लोग बना रहे निशाना


लम्बे समय से ये बात उठ रही है कि कांग्रेस में बुजुर्ग और युवा नेताओं के बीच भीषण गुटबाजी हो रही है. सोनिया गांधी के करीबी बुजुर्ग नेता राहुल गांधी के करीबी युवा नेताओं का पत्ता काट रहे हैं. महाराष्ट्र में संजय निरुपम ने भी बात कई बार कही है.


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गहलोत के लोगों ने मेरे खिलाफ खोला मोर्चा- सचिन पायलट


सचिन पायलट की ओर से कहा गया है कि राहुल ने जब से इस्तीफा दिया, गहलोत और उनके कांग्रेस के दोस्तों ने मेरे खिलाफ मोर्चा खोल लिया. तभी से मेरे लिए आत्मसम्मान मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से अशोक गहलोत गैंग पार्टी में हावी हो गया है, जिसके चलते हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.