Congress में ध्वस्त हुई गांधी परिवार की अकड़? नाराज नेताओं संग बैठक करने को विवश हुईं Sonia Gandhi
पुत्र मोह और चाटुकारिता की राजनीति ने कांग्रेस को भारतीय सियासत (Indian politics) के फलक से बाहर कर दिया है. इसके बावजूद राहुल गांधी और सोनिया गांधी (Rahul Gandhi and Sonia Gandhi) की अकड़ कम नहीं हुई थी.
नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) में अगर किसी की तानाशाही चलती है तो वो है गांधी परिवार (Gandhi Family). पुत्र मोह और चाटुकारिता की राजनीति ने कांग्रेस को भारतीय सियासत (Indian politics) के फलक से बाहर कर दिया है. इसके बावजूद राहुल गांधी और सोनिया गांधी (Rahul Gandhi and Sonia Gandhi) की अकड़ कम नहीं हुई. जब कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं (Senior Congress Leaders) ने पार्टी के भीतर बदलाव पर जोर दिया था तब राहुल गांधी ने उन्हें भाजपा का एजेंट करार दिया था.
अब सोनिया गांधी को आखिर झुकना पड़ा है और उन्हें नाराज चल रहे कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
19 दिसम्बर को नाराज चल रहे नेताओं से मुलाकात करेंगी सोनिया
आपको बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress Interim President Sonia Gandhi) के नेतृत्व और कार्यशैली पर कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता सवाल उठा चुके हैं. कांग्रेस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जबरदस्ती थोपने वाली राजनीति की अंदरखाने खूब आलोचना हुई थी लेकिन किसी भी हिम्मत खुलकर बोलने की नहीं होती.
पार्टी के अंदर असंतुष्ट नेताओं का दायरा बढ़ने से फूट तक का खतरा पैदा होने लगा है, जिसके बाद अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह मीटिंग बुलाई है.
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23 वरिष्ठ नेताओं ने लिखी थी सोनिया को चिट्ठी
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी के हालात पर नाराजगी जताते हुए एक चिट्टी सोनिया गांधी को लिखी थी जिसके बाद से संकट लगातार गहराता जा रहा है. इस गुट के नेताओं का कहना है कि अब तुरंत अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो पार्टी के अंदर बड़ा बिखराव होना तय है.
कांग्रेस में बड़े बदलाव की आहट
आपको बता दें कि जल्द ही कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव देखा जा सकता है. कांग्रेस की 19 दिसंबर की मीटिंग बहुत अहम होने वाली है जिसमें नेता साफ-साफ आगे के रोडमैप के बारे में बात कर सकते हैं. ऐसी चर्चा है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव कर सकती है. इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार 23 नेताओं के समर्थन में पार्टी के कुछ और नेता आ गए हैं और वे सोनिया गांधी से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं.
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