नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार एक्शन में है. लेकिन इसके साथ प्रदूषण को लेकर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्र पराली को सिर्फ 4 प्रतिशत जिम्मेदार मानता है. वहीं दिल्ली सरकार प्रदूषण के लिए पराली को ही गुनहगार बता रहा है.


केजरीवाल ने प्रदूषण पर जताई चिंता


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दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रदूषण पर चिंता जताई है. अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि धुएं से सर्दियों में ज्यादा नुकसान होता है. दिल्ली सरकार की कोशिशों से 25% प्रदूषण कम हुआ. दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ अभियान चलाएगी.


दिल्ली में प्रदूषण पर पॉलिटिक्स शुरू


दिल्ली के आबो हवा में घुलते जहर से एक बार फिर दिल्ली वालों का संकट बढ़ने लगा है, तो वहीं प्रदूषण पर सियासतदानों का आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. दिल्ली की हवा अक्टूबर में ही जहरील हो गई है. यानी एयर इंडेक्स की क्वालिटी 8 महीने के सबसे खराब स्तर पर है. लेकिन जहां एक तरफ दिल्ली वाले प्रदूषण के प्रहार से लाचार हैं. वहीं दिल्ली में प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है.


पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि "96  फीसदी प्रदूषण का कारण लोकल है. धूल, कचरा और कंट्रक्शन के द्वारा प्रदूषण ऐसे फैक्टर्स हैं जहां ये हमें देखना है. जहां कंस्ट्रक्शन चल रहा है, आप वहां देखेंगे आप अगर प्रदूषण के कारणों पर रिपोर्ट देंगे तो कार्यवाही करेंगे."


कौन खराब कर रहा है दिल्ली की हवा?


एक तरफ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रदूषण बढ़ने में पराली को सिर्फ 4 फीसदी जिम्मेवार मानते हैं, वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जावड़ेकर के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि "दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्णायक लड़ाई की तैयारी चल रही है."


आपको बताते हैं कि किस तरह पिछले एक हफ्ते में दिल्ली की आबो-हवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है.


दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ा: AQI लेवल


  • 11 अक्टूबर- 216

  • 12 अक्टूबर- 261

  • 13 अक्टूबर- 300

  • 14 अक्टूबर- 276

  • 15 अक्टूबर- 366


(स्त्रोत - CPCB)


दिल्ली में प्रदूषण से निर्णायक लड़ाई


राजधानी में आज से 'ग्रैप' के नियम लागू किए गए हैं. ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है. जिसके तहत डीजल, पेट्रोल से चलने वाले जेनरेटर पर प्रतिबंध रहेगा. जेनरेटर चलाने पर रोक 15 मार्च तक रखा गया है हालांकि CNG-PNG से चलने वाले जेनरेटर को छूट दी गई है. दिल्ली में जेनरेटरों की मॉनिटरिंग EPCA करेगा. इसके अलावा कूड़ा जलाने वालों पर CPCB की नज़र होगी. इतना ही नहीं सड़कों पर मजदूरों से झाड़ू लगाने पर पाबंदी लगाई गई है. दिल्ली के आसपास के शहरों में भी ग्रैप लागू किया गया है.


दिल्ली में 4 चरणों में ग्रैप होगा लागू


पहला चरण


  • मशीन से सफाई

  • पानी का छिड़काव

  • पटखों पर रोक

  • गाड़ियों में छंटनी


दूसरा चरण


  • डीजल जेनरेटर पर रोक

  • पार्किंग शुल्क में बढ़ोत्तरी


तीसरा चरण


  • ईट भटठों पर रोक

  • कोयला से चलने वाले प्लांट पर प्रतिबंध


चौथा चरण


  • ट्रकों की एंट्री पर रोक 

  • निर्माण कार्यों पर पाबंदी 

  • ऑड-ईवन होगा लागू 


पराली जलने से बढ़ते धुएं पर केंद्र ने भी पंजाब से तत्काल कदम उठाने की अपील की है. प्रदूषण के खिलाफ केजरीवाल का बड़ा अभियान चल रहा है. 'Red light on, Gaadi off' अभियान की शुरुआत हुई है. रेड लाइट पर गाड़ी बंद करने से 7000 रुपए सालाना की बचत होगी.


प्रदूषण पर दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस


- प्रदूषण रोकने के लिए 14 टीमें गठित
14 टीमें कंस्ट्रक्शन पर नजर रखेगी
कंस्ट्रक्शन के लिए नए नियम लागू
10 मीटर ऊंचाई की टिन शेड लगानी होगी
ग्रीन तिरपाल से टिन शेड को ढकना होगा
मिट्टी को नेट से ढकना होगा
गाड़ियों पर कंस्ट्रक्शन को ढककर ले जाना होगा
20 हजार वर्गमीटर से ज्यादा जगह के लिए एंटी स्मॉग गन अनिवार्य


दिल्ली में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन? ये वाकई बड़ा सवाल है. राजधानी में आज से 'ग्रैप' के नियम लागू कर दिया गया है. लेकिन आपको एक और जानकारी दे देते हैं कि राजधानी दिल्ली में डीजल जेनरेटर कहां चलाने की अनुमति है?


डीजल जेनरेटर कहां चलाने की अनुमति?


1. अस्पताल
2. एलिवेटर
3. रेलवे स्टेशन
4. मेट्रो स्टेशन
5. बस टर्मिनल
6. नेशनल इफॉर्मेशन सेंटर


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