हैदराबाद: निजाम के शहर हैदराबाद में शनिवार की शाम.. योगी आदित्यनाथ के नाम रही. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हैदराबाद में रोड शो किया और उसके बाद सभा को संबोधित किया. कुल मिलाकर कहा जाए तो, हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव को बीजेपी ने राष्ट्रीय चुनाव बना दिया है. इसीलिए हम इसे म्युनिसिपैलिटी का नेशनल इलेक्शन कह रहे हैं, इसकी बड़ी वजहें क्या हैं?


ओवैसी ने योगी को दी जिन्ना वाली धमकी


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1 दिसंबर को होने वाले हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव के लिए योगी आदित्यनाथ ने रोड शो किया. हैदराबाद के रोड शो में योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि "क्यों ना हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर कर दिया जाए." इसके जवाब में ओवैसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को जिन्ना वाली धमकी देते हुए कहा है कि "तुम्हारी नस्लें तबाह हो जाएंगी पर हैदराबाद का नाम नहीं बदलेगा."


हैदराबाद में शनिवार की शाम 4 बजे.. सड़क पर भारी भीड़, क्रेन से होती पुष्प वर्षा.. दूर से देखने पर पता चल रहा था कि भगवा कपड़े में कोई व्यक्ति बस की छत पर खड़ा है. इतनी ही देर में कैमरे का एक नजदीकी दृश्य दिखता है और पहचान साफ हो जाती है. कि बस की छत पर खड़े भगवा वस्त्र पहने ये व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं.


शाम 6 बजे रोड शो के बाद योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दहाड़ लगाई. भगवा वस्त्र पहने योगी आदित्यनाथ के हाथ में जो माइक था, उसे भी भगवा रंग के कपड़े से ढका गया था. ये एक बड़ा संदेश था, जो और कोई समझे ना समझे.. ओवैसी भाइयों को जरूर समझ में आ गई होगी.जो अब तक ये कह रहे थे कि वो योगी से नहीं डरते.


जब बौखलाए ओवैसी ने कहा "योगी-फोगी"


अकबरुद्दीन ओवैसी ने योगी की रैली पर कहा था कि "मैं किसी के बाप से डरने वाला नहीं हूं, ना ही चायवाले से डरने वाला हूं ना ही कोई योगी फोगी से डरने वाला हूं. अब वो दिन गए कि जब तुम बोलते थे और हम सुनते थे अब हम बोलेंगे तुमको सुनना पड़ेगा."


हैदराबाद में योगी आदित्यनाथ के रोड शो ने ओवैसी भाइयों के दिमाग का तापमान बढ़ा दिया है. हैदराबाद में जब योगी का रोड शो शुरू भी नहीं हुआ था. सिर्फ ये खबर आई थी कि योगी रोड शो करने हैदराबाद जाएंगे, तबसे ही असदुद्दीन ओवैसी के भाई और AIMIM के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी विवादित बयान देने लगे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा और अपने कार्यकर्ताओं से उन्हें कहना पड़ा कि वो मोदी-योगी से नहीं डरते. जब योगी ने रोड शो के बाद सभा को संबोधित किया तो उन्होंने ओवैसी भाइयों को अपने अंदाज़ में जवाब दिया.


ये लड़ाई एक दिसंबर को होने वाले हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव के लिए है और विरोधियों में चिंता इसलिए ज्यादा है कि बीजेपी इस चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव की तरह लड़ रही है.


बिहार टू बंगाल वाया हैदराबाद


वाकई हर कोई ये सोचकर हैरान हो रहा होगा कि हैदराबाद के म्यूनिसिपैलिटी चुनाव में योगी आदित्यनाथ क्या कर रहे हैं? बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा क्यों आए? बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह प्रचार करने क्यों आ रहे हैं? इसकी एक बड़ी वजह है. बिहार से होता हुआ राजनीतिक रास्ता.. हैदराबाद से बंगाल पहुंचेगा. ये आप ध्यान रखिए अप्रैल-मई में बंगाल में चुनाव होने हैं.


बीजेपी के लिए हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव.. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिहाज से क्यों अहम है. इसे बताने से पहले आपको उस चुनाव के वर्तमान समीकरण को समझना जरूरी है.


हैदराबाद म्युनिसिपल चुनाव में कुल 150 सीटें हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी, के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बीच है. साल 2016 के म्युनिसिपल चुनाव में TRS को 99 सीटें मिली थीं, AIMIM को 44 सीटें और बीजेपी को सिर्फ 4 सीटें मिली थीं. 4 सीटों वाली बीजेपी, इस बार हैदराबाद के चारमीनार पर चढ़ाई के इरादे से उतरी है.


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