Hanuman Garhi Ayodhya: अयोध्या में हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन के बिना अधूरी है रामलला की पूजा, जानें इस मंदिर का महत्व
Hanuman Garhi Ayodhya: प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी को सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में से एक माना जाता है. मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तजनों को 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. कहते हैं यहां बजरंगबली के दर्शन किए बिना रामलला की पूजा अधूरी मानी जाती है. आइये जानते हैं कि क्या है अयोध्या में मंदिर हनुमानगढ़ी का महत्व..
नई दिल्ली: Hanuman Garhi Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला पूरी तरह से तैयार हैं. इस समय पूरा देश भगवान राम की भक्ति में डूबा हुआ है. इस महीने सोमवार 22 जनवरी को रामलला अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे. राम मंदिर में विराजमान भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला के दर्शन हर कोई करना चाहता है. पर यही प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी भी है. ऐसा कहा जाता है कि अयोध्या की यात्रा बजरंगबली को देखे बिना पूरी नहीं होती. अयोध्या यात्रा अधूरी रह जाती है.
हनुमानगढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है. अयोध्या में मंदिर हनुमानगढ़ी का विशेष महत्व है. इसे अयोध्या के दस प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर अयोध्या शहर के मध्य में बना हुआ है.
हनुमानगढ़ी सबसे प्राचीन सिद्धपीठ है
ऐसा कहा जाता है कि जब राम रावण का वध करने के बाद लंका से अयोध्या लौटे, तो उन्होंने अपने भक्त हनुमान को शहर में रहने के लिए जगह दी. हनुमानगढ़ी मंदिर प्राचीन सिद्धपीठ है जो भगवान राम द्वारा भगवान हनुमान को दिया गया था. ऐसा माना जाता है कि राम भक्त हनुमान आज भी यहां निवास करते हैं.
सारे दोष दूर करने वाले सिद्धपीठ
इस हनुमानगढ़ी मंदिर को सभी प्रकार की परेशानियों और कष्टों को दूर करने वाला देवता माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त हनुमानगढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान को लाल वस्त्र या लाल फूल चढ़ाता है, उसकी कुंडली के दोष खत्म हो जाता है. हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान के बाल रूप के दर्शन होते हैं. मंदिर में हनुमान की मां अंजनी देवी की भी मूर्ति है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)