Kanak Bhawan: माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था सोने का महल, जानें अब किस स्थिति में?
Kanak Bhawan: माना जाता है कि मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि के दिन मां सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था. भगवान राम से विवाह के बाद मां सीता को मुंह दिखाई में क्या मिला था और रानी कैकई कैसे सीता को देखकर मोहित गई थीं. आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
नई दिल्ली: Kanak Bhawan: भगवान राम की नगरी अयोध्या में हजारों संख्या में मंदिर हैं. इनमें एक मंदिर कनक भवन है. भगवान राम संग मां सीता का विवाह तो जनकपुर में हुआ था. जब मां सीता प्रभु श्री राम के साथ अयोध्या आईं, तो उन्हें माता कैकयी ने मुंह दिखाई की रस्म में सोने से बना कनक भवन दे दिया. आइए जानते हैं कि वर्तमान समय में उस सोने के दिव्य भवन का स्वरूप कैसा है.
मां कैकयी ने सीता जी को मुंह दिखाई में दिया था कनक भवन
भगवान राम को सबसे ज्यादा मां कैकयी प्रेम करती थीं. जितना प्रेम माता कैकयी अपने पुत्र भरत से करती थीं. उससे कई ज्यादा प्रेम वह भगवान राम से भी करती थीं. जब मां सीता विवाह कर भगवान राम के साथ अयोध्या आई थीं, तो माता कैकयी ने अपनी बहू सीता को मुंह दिखाई की रस्म में दशरथ जी से अनुरोध कर सोने से बना कनक भवन दिया था.
सोने का महल होने के कारण नाम पड़ा कनक भवन
सोने का भवन होने के कारण इसका नाम कनक भवन के नाम से जाना गया. यह भवन आज भी अयोध्या नगरी में है और प्रमुख मंदिरों में से एक है. मंदिर परिसर में अंदर एक बड़ा-सा आंगन है और यहां भगवान राम और मां सीता का विभाग है. इस मंदिर में सीता-राम की 3 मूर्ति हैं.
हनुमान जी को अनुनय-विनय करने पर मिला था प्रवेश
ऐसी मान्यता है कि कनक भवन में माता सीता और राम जी के अलावा किसी को रहने की अनुमति नहीं थी. जहां राम-सीता विराजमान हों, वहां हनुमान जी तो अवश्य ही रहते हैं. हनुमान जी ने कनक भवन में पहरेदार के रूप में रहने के लिए कई बार प्रार्थना की, तब जाकर भगवान राम ने हनुमान जी को प्रवेश दिया. हनुमान जी का एक छोटा-सा कमरा आज भी इस मंदिर परिसर में है. ऐसा माना जाता है कि राम जी के दर्शन करने से पहले हनुमान जी की अनुमति लेनी पड़ती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)