Ayodhya Ram Navami Celebrations: रामनवमी समारोह के अवसर पर बुधवार (17 अप्रैल) की सुबह हजारों भक्तों की भीड़ अयोध्या के राम मंदिर में उमड़ी. विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर में राम नवमी के उत्सव का 500 वर्षों से बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है और पूरा देश बहुत खुश है. इस बीच राम लला के बहुप्रतीक्षित 'सूर्य तिलक' का भी बहुत इंतजार था, जो कि दोपहर 12.15 के आसपास संपन्न हुआ.


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राम नवमी के अवसर पर अयोध्या मंदिर में भगवान राम लला की मूर्ति के माथे पर 'सूर्य तिलक' (सूर्य की किरणें) लगाया गया है. यह चार मिनट तक चला. इस अवधि के दौरान, सूर्य की किरणों द्वारा राम लला के माथे पर 58 मिमी का 'तिलक' बनाया गया.


 



वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम नवमी के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि अयोध्या अतुलनीय आनंद में है क्योंकि राम मंदिर के अभिषेक के बाद यह पहली बार है कि वहां उत्सव मनाया जाएगा.


अयोध्या मंदिर में राम नवमी ( Ayodhya Ram Temple Ram Navami Top Updates)
-अयोध्या में श्रद्धालु: राम मंदिर के दर्शन से पहले श्रद्धालुओं ने अयोध्या में सरयू नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाई. रात होते ही घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया. सुबह 3:30 बजे राम मंदिर में दर्शन शुरू हुए.


-राम मूर्ति की प्रतिष्ठा: 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए नए मंदिर में राम मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी होगी.


-LED स्क्रीन लगाई गईं: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि सूर्य तिलक के दौरान, भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी. मंदिर ट्रस्ट द्वारा लगभग 100 और सरकार द्वारा 50 LED स्क्रीन लगाई जा रही हैं, जो रामनवमी समारोह को दिखाएगी. लोग जहां मौजूद हैं वहीं से समारोह देख सकेंगे.


-अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था: सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में IG (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है. IG ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, 'सभी इलाकों को जोन और सेक्टर में बांट दिया गया है. हमारे स्वयंसेवकों और फोर्स मल्टीप्लायरों को तैनात किया गया है. भारी वाहनों की आवाजाही के लिए भी व्यवस्था की गई है.'


-राम मंदिर में भोग प्रसाद: राम लला को 56 प्रकार के भोग प्रसाद भी चढ़ाए जाएंगे.


-सूर्य तिलक के पीछे का विज्ञान: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI), रूड़की के वैज्ञानिकों ने सूर्य की गति के आधार पर सूर्य तिलक के समय की गणना की है. ट्रस्ट ने कहा, 'राम लला का 'सूर्य अभिषेक' उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस के साथ एक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम का उपयोग करके किया जाएगा.'


-'सूर्य अभिषेक': 'सूर्य अभिषेक' को सफल करने के लिए CBRI के विशेषज्ञ अयोध्या में डेरा डाले हुए थे.


-पीएम मोदी का सुझाव: 23 अक्टूबर, 2022 को दीपोत्सव समारोह के लिए अपनी अयोध्या यात्रा के दौरान, पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रस्ट के सदस्यों को सुझाव दिया कि राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण इस तरह किया जाना चाहिए कि सूर्य की किरणें सीधे राम पर पड़ें. ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर के समान.


-राम मंदिर में भक्तों के लिए स्थायी छत्र: भक्तों को धूप से बचाने के लिए जन्मभूमि पथ पर स्थायी छत्र बनाई गई है, जबकि भक्ति पथ पर भी अस्थायी छत्र की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, अयोध्या प्रशासन ने मेला क्षेत्र में टेढ़ी बाजार से नया घाट तक 29 स्थानों पर सहायता बूथ स्थापित किए हैं.


-राम मंदिर में दर्शन का समय: ट्रस्ट ने दर्शन की अवधि भी बढ़ाकर 19 घंटे कर दी है, जो मंगला आरती से शुरू होकर रात 11 बजे तक जारी रहेगी. चार भोग लगाने के दौरान सिर्फ पांच मिनट के लिए पर्दा बंद रहेगा.


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