नई दिल्ली. मोर, मयूर, पिकॉक नाम वाला यह सुंदर पक्षी सनातन धर्म में सनातन काल से महत्वपूर्ण हैं. पौराणिक काल में महर्षियों द्वारा मोर के पंख की कलम से बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे गए हैं. कुछ तो ख़ास बात है न ऐसी कि प्रेम के देवता श्री कृष्ण के मस्तक पर यह मोर पंख विराजता है. आइये आपको बताते हैं इसके सात फायदे क्या हैं.



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बुरी शक्तियों से बचाता है 


मोर ऐसा पक्षी है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह किसी भी स्थान पर लगा देने पर को बुरी शक्तियों और प्रतिकूल चीजों के प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है. इसी कारणवश अधिकांश लोग अपने घरों में मोर के सुंदर पंख लगाते हैं. 


नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है


मोरपंख की एक विशेषता ये भी है कि यह सकारात्मकता देता है और अपने आसपास नकारात्मक ऊर्जा को फटकने भी नहीं देता. मोर को नकारात्मक ऊर्जा दूर करने में सबसे प्रभावशाली माना गया है.



 


शुभता का चिन्ह है मोरपंख 


श्री कृष्ण भगवान के मस्तक पर शोभित होने वाला मोरपंख हिन्दू धर्म में शुभता का  सूचक माना जाता है और इसी कारण इसे शुभ चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया है. घर में यदि मोर पंख को बांसुरी के साथ रखा जाए तो परिवार के लोगों का पारस्परिक प्रेम बढ़ता है. 


धन और विद्या समानरूप से प्रदान करता है 


सनातन धर्म में  में मोर को धन की देवी लक्ष्मी और विद्या की देवी सरस्वती से भी संबंधित माना जाता है. इसलिए मोर पंख लगाने से धन और बुद्धि दोनों ही साध-साथ प्राप्त होती हैं. मां लक्ष्मी स्वयं सौभाग्य, खुशहाली और धन धान्य व संपन्नता की प्रतिनिधि हैं. इसलिए मोर के पंखों का प्रयोग मां लक्ष्मी की इन्हीं विशेषताओं को अर्जित करने के लक्ष्य से किया जाता है. 



 


करीब लाता है मोर पंख 


मोर पंख का यह गुण प्रेम का ही पर्याय है. ये दो लोगों में दूरियां समाप्त करने का कार्य करता है. मूल रूप से मोर पंख को अध्यात्म की दृष्टि से शुभंकर के तौर पर जाना जाता है किन्तु घरेलू स्तर पर यह परिवारजनों के बीच की दूरियां समाप्त करता है और नजदीकी बढ़ाता है. 


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