नई दिल्लीः पारुल चौधरी ने मंगलवार को एशियाई खेलों में 5,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया. यह मौजूदा एशियाई खेलों में पारुल का दूसरा पदक था, इससे पहले उन्होंने सोमवार को महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में रजत पदक जीता था. पारुल चौधरी ने महिलाओं की 5,000 मीटर दौड़ में शानदार प्रदर्शन किया और जापान की रिरीका हिरोनका को पीछे छोड़ दिया. पारुल ने 15:14.75 का समय लिया. वहीं, जापान की रिरिका ने रजत पदक जीता.


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विथ्या ने भी जीता पदक
विथ्या रामराज ने महिलाओं की 400 मीटर हर्डल्स (बाधा दौड़) में 49 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ने की उम्मीद जगाई थी, जब उन्होंने हांगझोऊ में 1986 के एशियाई खेलों में पीटी उषा द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी की. हालांकि, मंगलवार को वह 55.42 के अंक में सुधार करने की कोशिश में चूक गईं, क्योंकि उन्होंने एशियाई खेलों में महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में 55.68 का समय लिया और कांस्य पदक जीता.


बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
गीली ट्रैक पर दौड़ में और हल्की बूंदा-बांदी के कारण चुनौती और बढ़ गई. विथ्या ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन बहरीन के ओलुवाकेमी मुजिदत एडेकोया से पीछे रह गईं, जो 2014 एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता थी. बहरीन धावक ने एशियाई खेलों में 54.45 सेकेंड के रिकॉर्ड समय के साथ स्वर्ण पदक जीता. चीन की मो जिआडी ने 55.01 सेकंड में रजत पदक जीता, जो उनके सीज़न का सर्वश्रेष्ठ प्रयास था.


विथ्या ने कहा कि गीली ट्रैक का थोड़ा असर पड़ा. हालांकि, उन्होंने यह माना कि मुकाबले के नतीजे से इसका कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, "मैंने पहले भी बेंगलुरू में गीली ट्रैक में दौड़ लगाई है, इसलिए यह कोई कारण नहीं है. मुझे खुशी है क्योंकि मुझे पदक मिला, लेकिन प्रदर्शन बेहतर हो सकता था. इसलिए, समय को लेकर थोड़ी निराशा है.