Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का 5वां दिन भारत के लिये काफी यादगार रहा जिसका आगाज उसने गोल्ड मेडल के साथ किया तो वहीं पर दिन का अंत सिल्वर मेडल के साथ किया. भारतीय दल ने मंगलवार को कुल 4 पदक अपने नाम किये जिसमें 2 गोल्ड और 2 सिल्वर शामिल रहे. भारतीय खिलाडियों ने मंगलवार को 8 ऐसी स्पर्धाओं में भाग लिया जिसमें पदक दांव पर लगे हुए थे.


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दिन की शुरुआत भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने गोल्ड मेडल के साथ किया तो वहीं पर पुरूष टेबल टेनिस टीम ने अपेक्षाओं पर खरे उतरते हुए अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखा . भारत के लिये राष्ट्रमंडल खेलों में आज का दिन अच्छा रहा जिसमें लॉन बॉल्स और टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक मिले जबकि वेटलिफ्टिंग में विकास ठाकुर और बैडमिंटन में भारत की मिक्स्ड टीम ने सिल्वर पदक जिताया. इस दौरान कुछ ऐसे खेल भी रहे जिसमें भारतीय खिलाड़ी उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन इसके बावजूद यह दिन काफी हद तक भारत के पक्ष में रहा.


लॉन बॉल महिला टीम ने रचा इतिहास


बर्मिंघम जाने से पहले शायद इनके और इनके खेल के बारे में कोई जानता भी नहीं था लेकिन भारतीय महिला लॉन बॉल्स टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया और पूरे देश को इस गुमनाम से खेल को देखने के लिये प्रेरित भी किया . भारत की लवली चौबे (लीड), पिंकी (सेकंड), नयनमोनी सैकिया (थर्ड) और रूपा रानी टिर्की (स्लिप) की चौकड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में 17 . 10 से हराया . प्रतियोगिता की महिला फोर स्पर्धा में भारत पहली बार उतरा था . भारतीय टीम की अगुवाई करने वाली लवली झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं जबकि रूपा रांची में खेल विभाग में कार्यरत है. पिंकी दिल्ली के डीपीएस आरके पुरम में खेल शिक्षक है तो वहीं किसान परिवार से आने वाली नयनमोनी असम में वन विभाग में कार्यरत है. इन खिलाड़ियों को उम्मीद है कि उनकी सफलता से देश में इस खेल को लोकप्रियता मिलेगी. 


टेबल टेनिस में भी स्वर्णिम सफलता


हरमीत देसाई ने निर्णायक एकल मुकाबले में अपनी लय कायम रखते हुए जीत दर्ज की और भारतीय पुरूष टेबल टेनिस टीम ने करीबी मुकाबले में सिंगापुर को हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में अपना स्वर्ण बरकरार रखा . दुनिया के 121वें नंबर के खिलाड़ी हरमीत ने तीसरे एकल में 133वीं रैंकिंग वाले झे यू क्लारेंस चीयू को 11 . 8, 11 . 5, 11 . 6 से हराकर भारत की जीत सुनिश्चित की . राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में पुरूषों की टीम स्पर्धा में भारत का यह तीसरा स्वर्ण पदक है . मैनचेस्टर में 2002 में हुए खेलों में टेबल टेनिस को शामिल किये जाने के बाद भारत का यह सातवां पदक है . हरमीत और जी साथियान की जोड़ी ने योन इजाक क्वेक और यू इन कोएन पांग की जोड़ी को 13-11, 11-7, 11-5 से शिकस्त देकर भारत को शानदार शुरुआत दिलायी. दिग्गज शरत कमल पुरुष एकल के पहले मैच में झे यू क्लारेंस चीयू से 11 - 7 , 12 - 14, 11 - 3, 11 - 9 से हार गए . 


विश्व रैंकिंग में 35 वें स्थान पर काबिज जी साथियान ने इसके बाद पांग को 12-10, 7-11 , 11-7, 11-4 से हराकर मुकाबले में भारत की वापसी करायी. भारोत्तोलन में पदकों का सिलसिला जारी : भारत के हैवीवेट भारोत्तोलक विकास ठाकुर ने 96 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों का एक और पदक अपने नाम किया. अनुभवी ठाकुर ने कुल 346 किग्रा (155 किग्रा और 191 किग्रा) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया और इस दौरान अपने लगातार तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता. ठाकुर का राष्ट्रमंडल खेलों में यह दूसरा रजत पदक है. वह 2014 ग्लास्गो खेलों में भी दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि गोल्ड कोस्ट में 2018 में उन्होंने कांस्य पदक जीता था. 


एथलेटिक्स में अच्छी शुरूआत


भारत के राष्ट्रीय रिकार्डधारक मुरली श्रीशंकर ने एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पुरुषों की लंबी कूद स्पर्धा के क्वालीफाइंग दौर में शीर्ष पर रहकर जबकि मोहम्मद अनीस याहिया ने आठवां स्थान हासिल करके फाइनल में जगह बनाई. गोला फेंक में मनप्रीत कौर ने भी फाइनल में प्रवेश किया. वह उन नौ खिलाड़ियों में शामिल थीं जो 18 मीटर के स्वत: क्वालीफाइंग स्तर को हासिल करने में नाकाम रहीं. मनप्रीत ने हालांकि 12 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक के रूप में फाइनल में प्रवेश किया. 


भारत की शीर्ष धाविका दुती चंद हालांकि 100 मीटर में शुरुआती हीट रेस में कुल 27वें स्थान पर रहते हुए स्पर्धा से बाहर हो गईं. राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (11.17 सेकेंड) दुती हीट नंबर पांच में 11.55 सेकेंड के निराशाजनक प्रदर्शन से चौथे स्थान पर रहीं. 


महिला हॉकी टीम जीत की हैट्रिक लगाने से चूकी


भारतीय महिला हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों में पहली कठिन चुनौती का सामना नहीं कर सकी और पूल ए के मैच में मंगलवार को इंग्लैंड ने उसे 3 . 1 से हरा दिया . इंग्लैंड के लिये जिसेले एंसले ने तीसरे मिनट में पहला गोल पेनल्टी कॉर्नर पर दागा . टेस हॉवर्ड ने तीसरे क्वार्टर में 40वें मिनट में दूसरा गोल किया जबकि हन्नाह मार्टिन ने चौथे और आखिरी क्वार्टर में 53वें मिनट में इंग्लैंड का तीसरा गोल दागा . भारत के लिये एकमात्र गोल आखिरी मिनट पर वंदना कटारिया ने किया . भारतीय टीम 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड से 6 . 0 से मिली हार का बदला चुकता करने उतरी थी लेकिन उसे नाकामी मिली . इसी इंग्लैंड टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में भारत को 4 . 3 से हराकर भारतीय हॉकीप्रेमियों का दिल तोड़ा था. 


तैराकी में अच्छी खबर


भारतीय तैराक अद्वैत पागे और कुशाग्र रावत ने अपनी अपनी हीट में चौथे स्थान पर रहकर पुरूषों की 1500 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश कर लिया . पागे ने पहली हीट में 15 : 39 . 25 सेकंड का समय निकाला जबकि रावत ने दूसरी हीट में 15 : 47 . 77 सेकंड का समय निकाला . दोनों हीट से शीर्ष आठ तैराक फाइनल में पहुंचे . इससे पहले श्रीहरि नटराज ने 200 मीटर बैकस्ट्रोक में ‘सर्वश्रेष्ठ भारतीय समय’ निकाला लेकिन वह हीट दो में तीसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे . 


स्क्वाश में निराशा 


भारत के शीर्ष स्क्वाश खिलाड़ी सौरव घोषाल को मंगलवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के पॉल कोल के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी पॉल कोल ने दुनिया के 15वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल को सीधे गेम में 3-0 (11 - 9, 11 - 4, 11 - 1) से हराया. अब ब्रॉन्ज मेडल के लिये सौरव घोषाल को बुधवार को खेलना होगा.


सीमा और नवजीत महिला चक्का फेंक में पदक जीतने में हुई नाकाम


भारत की स्टार खिलाड़ी सीमा पूनिया और नवजीत कौर ढिल्लों मंगलवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की महिला चक्का फेंका स्पर्धा के फाइनल में क्रमश: पांचवें और आठवें स्थान पर रहते हुए पदक जीतने में नाकाम रहीं. पांचवीं बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रही चार बार की पदक विजेता सीमा ने अपने दूसरे प्रयास में चक्के को 55.92 मीटर की दूरी तक फेंका जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. गोल्ड कोस्ट 2018 खेलों की कांस्य पदक विजेता नवजीत बिलकुल भी लय में नहीं दिखी. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 53.51 मीटर रहा जो उन्होंने अपने छठे और अंतिम प्रयास में हासिल किया.


मलेशिया से फाइनल में हार बैडमिंटन टीम ने जीता सिल्वर


भारत को राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में मंगलवार को यहां मलेशिया के खिलाफ 1-3 की हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा. इस मुकाबले में भारत के एकल खिलाड़ियों और मलेशिया की युगल जोड़ियों पर नजरें थी. भारत के एकल खिलाड़ी हालांकि अपने से कम रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए जिससे भारत स्वर्ण पदक जीतने से चूक गया. दूसरी तरफ मलेशिया की युगल जोड़ियां उम्मीद पर खरी उतरीं. सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी सबसे पहले कोर्ट पर उतरी. इस जोड़ी को हालांकि दुनिया की छठे नंबर की टेंग फोंग आरोन चिया और वूई यिक सोह की जोड़ी के खिलाफ 18-21, 15-21 से हार झेलनी पड़ी. 


भारत को दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी पीवी सिंधू से वापसी दिलाने की उम्मीद थी. पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने भारत को बराबरी तो दिला दी लेकिन महिला एकल में वह बिलकुल बेरंग नजर आई और उन्हें दुनिया की 60वें नंबर की खिलाड़ी जिन वेई गोह को 22-20, 17-21 से हराने के दौरान काफी जूझना पड़ा. दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने निराश किया. उन्होंने दुनिया के 42वें नंबर के खिलाड़ी एनजी टीजे योंग के खिलाफ पहला गेम 19-21 से गंवा दिया लेकिन अगले गेम में वापसी करते हुए 21-6 की एकतरफा जीत दर्ज की. श्रीकांत हालांकि तीसरे और निर्णायक गेम में लय कायम रखने में नाकाम रहे और 16-21 से हार गए जिससे भारत 1-2 से पिछड़ गया. कूंग ली पियर्ली टेन और मुरलीधरन थिन्नाह की दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी ने इसके बाद महिला युगल में त्रीशा जॉली और गायत्री गोपीचंद की 38वें नंबर की जोड़ी को 21-18, 21-17 से हराकर स्वर्ण पदक मलेशिया की झोली में डाल दिया.


ऊषा महिला 87 किग्रा में पदक जीतने में नाकाम, छठे स्थान पर रहीं


भारतीय भारोत्तोलक ऊषा बानुर मंगलवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों की महिला 87 किग्रा स्पर्धा में निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए छठे स्थान पर रहीं. ऊषा ने स्नैच में काफी कम वजन उठाया जबकि क्लीन एवं जर्क में उनका एक ही प्रयास वैध रहा जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा. ऊषा कुल 205 किग्रा (95 किग्रा और 110 किग्रा) वजन ही उठा पाईं.


बॉक्सिंग के क्वार्टरफाइनल में पहुंचे रोहित टोकस


भारतीय मुक्केबाज रोहित टोकस राष्ट्रमंडल खेलों में पुरूषों के 67 किलो वर्ग में घाना के अलफ्रेड कोटे को 5 . 0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे . रोहित ने सर्वसम्मति से हुए फैसले में अंकों के आधार पर यह जीत दर्ज की . 28 वर्ष के टोकस चोटों के कारण तोक्यो ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सके थे . वह पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं.


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