Dinesh Karthik huge revealation on Rohit Sharma: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के अंतर्राष्ट्रीय करियर को दो भागों में बांटा जा सकता है. पहले भाग में उनके करियर के वो 6 साल आते हैं जिसमें वो भारतीय टीम में अपनी जगह बना पाने में संघर्ष कर रहे थे तो वहीं पर बल्लेबाजी में निरंतरता नहीं होने के चलते 2011 विश्वकप की टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे. वहीं दूसरे हिस्से में पिछला एक दशक आता है, जहां पर पारी का आगाज करते हुए रोहित शर्मा दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज में तब्दील हो गये और दुनिया के सबसे सफल क्रिकेटर्स में शुमार हो गये.


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दो भागों में बांटा जा सकता है रोहित शर्मा का करियर


उनके करियर के दूसरे भाग की शुरुआत चैम्पियन्स ट्रॉफी 2013 से हुई जब धोनी ने उनसे पारी का आगाज कराया, जिसके बाद वो रुके नहीं और वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते बल्लेबाज बन गये. वहां से रोहित शर्मा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारतीय टीम को मजबूत करते चले गये.


सीमित ओवर प्रारूप में इतनी सफलता हासिल करने के बावजूद लंबे समय तक रोहित शर्मा का टेस्ट करियर सवालों के घेरे में रहा जहां पर वो नियमित रूप से भारत की प्लेइंग 11 का हिस्सा बनने में नाकाम रहे. हालांकि 2019 में सबकुछ बदल गया जब उन्हें टेस्ट प्रारूप में भी बतौर ओपनर प्रमोट किया गया. साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली गई उस सीरीज के बाद से कई सलामी बल्लेबाज आये और गये लेकिन रोहित अपनी जगह पर टिके रहे.


परियों की कहानी की तरह रहा है रोहित का सफर


भारतीय टीम में जगह बनाने में संघर्ष से लेकर तीनों प्रारूप में टीम की कमान हासिल करने तक की रोहित शर्मा की यात्रा किसी परियों की कहानी से कम नहीं है. हालांकि हर कहानी की तरह ही इस किस्से में भी कुछ ऐसे लम्हे रहे जब रोहित शर्मा निराश नजर आये. अक्टूबर 2016 से नवंबर 2017 के बीच रोहित शर्मा को एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. साल 2018 में रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज की 4 पारियों में सिर्फ 78 रन ही बनाये थे.


इसके बाद चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को ड्रॉप कर दिया और उनकी जगह करुण नायर को शामिल कर लिया. भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने इसी घटना का जिक्र करते हुए खुलासा किया कि रोहित शर्मा इस घटना के चलते पूरी तरह से टूट गये थे.


2017 में टूट गये थे रोहित शर्मा


क्रिकबज की डॉक्यू-सीरीज समर स्टेलमेट पर बात करते हुए कार्तिक ने कहा,'वो उस राह पर पहुंच गया था जहां पर वो सीमित ओवर्स प्रारूप के सबसे सफल खिलाड़ी बन गये थे और जब उन्होंने टेस्ट टीम में वापसी की थी तो आपको साल 2018 भी याद आयेगा जिसमें उसे बाहर कर दिया गया था. उसे सिर्फ सीमित ओवर्स प्रारूप के हिस्से में रखा गया था और इसने उन्हें काफी दुख पहुंचाया था. रोहित शर्मा को यह होता नजर नहीं आया था जिसके चलते वो काफी टूट गये थे.'


वापसी के बाद रोहित ने रचा इतिहास


गौरतलब है कि साल 2018 में जो हुआ उस पर विश्वास करना आसान नहीं है क्योंकि रोहित शर्मा ने टेस्ट करियर का शानदार आगाज किया था और सचिन तेंदुलकर की फेयरवेल सीरीज की पहली दो पारियों में शतक (177 और 111 नाबाद) लगाया था और इसके बाद वो अर्धशतक लगाते गये लेकिन अगला शतक नवंबर 2017 में आया था.


आपको बता दें कि रोहित शर्मा ने 2019 वनडे विश्वकप में जब 5 शतकीय पारियां खेली तो उनकी किस्मत ने करवट ली और पूर्व कोच रवि शास्त्री ने उन्हें बतौर ओपनर वापसी कराने का फैसला किया. इसके बाद जो हुआ वो इतिहास है. रोहित शर्मा ने वापसी करने के साथ ही पहले ही मैच में दो शतक लगाये तो वहीं दो टेस्ट मैच बाद दोहरा शतक जड़ा. रोहित शर्मा ने सितंबर 2021 में विदेशी सरजमीं पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाया जो कि डेब्यू के 8 साल बाद आया.


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