ENG vs NED: इन खिलाड़ियों को करें अपनी Dream11 में शामिल, हो जाएंगे मालामाल
इंग्लैंड सात मैचों में महज एक जीत के साथ 10 टीमों की तालिका में आखिरी पायदान पर है जबकि नीदरलैंड की स्थिति उससे थोड़ी बेहतर है.
नई दिल्लीः विश्व कप में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन कर खिताबी दौड़ से बाहर हो चुकी गत चैम्पियन इंग्लैंड की टीम बुधवार को जब नीदरलैंड के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसके सामने जीत के साथ चैम्पियंस ट्रॉफी में जगह बनाने की दौड़ में बने रहने की चुनौती होगी. इंग्लैंड सात मैचों में महज एक जीत के साथ 10 टीमों की तालिका में आखिरी पायदान पर है जबकि नीदरलैंड की स्थिति उससे थोड़ी बेहतर है. टीम इतने ही मैचों में दो जीत और चार अंक के साथ नौवें स्थान पर है.
सेमीफाइनल की रेस से बाहर है इंग्लैंड
दोनों टीमें आधिकारिक तौर पर सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर है. इंग्लैंड शनिवार को चिर-प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया से 33 रन की हार का सामना करना पड़ा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टूर्नामेंट के दौरान बताया कि मेजबान पाकिस्तान के अलावा विश्व कप की शीर्ष सात टीमें 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई करेंगी. इसके बाद से सभी टीमों ने इसमें जगह बनाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया. चार साल बाद चैम्पियन बनी इंग्लैंड की टीम के लिए इस बार विश्व कप में कुछ भी अच्छा नहीं रहा . इससे पहले इंग्लैंड की कोई भी टीम विश्व कप में इतने अधिक मैच नहीं हारी है. हालात यह है कि नीदरलैंड के खिलाफ भी टीम को तगड़ा दावेदार नहीं माना जा रहा है.
इंग्लैंड के लिए हर हाल में जीत
चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई करने के लिए इंग्लैंड को नीदरलैंड और फिर पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज करनी होगी . यह हालांकि इतना आसान नहीं होगा क्योंकि कागजों पर मजबूत दिखने वाली ‘थ्री लायन्स’ की टीम का आत्मविश्वास काफी नीचे गिर गया है. टीम की बल्लेबाजी इकाई बुरी तरह विफल रही है. सलामी बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो और डेविड मलान अच्छी शुरुआत दिलाने के लिए संघर्ष करते दिखे है, जबकि अनुभवी जो रूट अपनी ख्याति के मुताबिक निरंतर प्रदर्शन नहीं कर सके .
कप्तान जोस बटलर और बड़े शॉट खेलने में माहिर लियाम लिंयामस्टोन भी बुरी तरह विफल रहे हैं. इस मुकाबले को जीतने के लिए इंग्लैंड के बल्लेबाजों को आक्रामक प्रदर्शन करना होगा. टीम के गेंदबाजों का प्रदर्शन हालांकि बल्लेबाजों से कुछ बेहतर रहा है लेकिन उस में भी विविधता की कमी दिखी है. कुछ गेंदबाजों को छोड दे तो ज्यादातर गेंदबाज भारतीय परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने में नाकाम रहे है.
इंग्लैंडः जोस बटलर (कप्तान), मोइन अली, गस एटकिंसन, जॉनी बेयरस्टो, सैम करन, लियाम लिविंगस्टोन, डेविड मलान, आदिल राशिद, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स, ब्रायडन कार्स, डेविड विली, मार्क वुड और क्रिस वोक्स.
नीदरलैंड: स्कॉट एडवर्ड्स (कप्तान और विकेटकीपर), कोलिन एकरमैन, वेस्ले बारेसी (विकेटकीपर), बास डी लीडे, आर्यन दत्त, साइब्रांड एंगेलब्रेक्ट, रेयान क्लेन, तेजा निदामानुरु, मैक्स ओडोड, साकिब जुल्फिकार, शारिज अहमद, लोगान वान बीक, रोल्फ वान डर मर्वे, पॉल वान मीकेरेन और विक्रमजीत सिंह.
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