FIFA: दिल्ली के बराबर आबादी, भारत से 10 साल बाद मिली आजादी, फिर कैसे दशकों आगे निकल गया ये इस्लामिक देश
FIFA World Cup 2022: मोरक्को ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में पुर्तगाल को 1-0 से मात दी. क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे वर्ल्ड क्लास प्लेयर वाली पुर्तगाल की टीम, जिसकी रैंकिंग नौ है, उसे 22वें नंबर की टीम मोरक्को ने हरा दिया. 92 साल के इतिहास में मोरक्को पहली अफ्रीकी टीम बन गई है, जो फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची है. मोरक्को इससे पहले क्वॉर्टर फाइनल में भी नहीं पहुंची थी, लेकिन कतर वर्ल्ड कप में उसने अपने खेल से सबको चौंकाया है.
नई दिल्लीः FIFA World Cup 2022: मोरक्को ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में पुर्तगाल को 1-0 से मात दी. क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे वर्ल्ड क्लास प्लेयर वाली पुर्तगाल की टीम, जिसकी रैंकिंग नौ है, उसे 22वें नंबर की टीम मोरक्को ने हरा दिया. 92 साल के इतिहास में मोरक्को पहली अफ्रीकी टीम बन गई है, जो फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंची है. मोरक्को इससे पहले क्वॉर्टर फाइनल में भी नहीं पहुंची थी, लेकिन कतर वर्ल्ड कप में उसने अपने खेल से सबको चौंकाया है.
सेमीफाइनल में फ्रांस से भिड़ेगा मोरक्को
भारतीय खेल प्रशंसकों के मन में अक्सर सवाल उठता है कि भारत क्यों फीफा के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाता है? जबकि एक ऐसा देश जिसकी आबादी भारत की राजधानी दिल्ली के लगभग बराबर है, वह भारत से करीब 10 साल बाद आजाद हुआ और आज फुटबॉल में इस मुकाम पर पहुंच गया है. दरअसल, मोरक्को की आबादी लगभग 3.67 करोड़ है, वहीं दिल्ली की करीब 3.20 करोड़. इसी तरह भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटेन से आजाद हुआ था, जबकि मोरक्को 2 मार्च 1956 में फ्रांस से स्वतंत्र हुआ था. अब मोरक्को सेमीफाइनल में फ्रांस से ही भिड़ने वाला है.
कहां स्थित है मोरक्को
अटलांटिक महासागर और भूमध्य सागर के किनारे बसा मोरक्को अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर में बसा है. मोरक्को यूरोप के बिल्कुल नजदीक है और इसकी सीमा फ्रांस से मिलती है. मोरक्को रोमन साम्राज्य, फिर यूनानी और उसके बाद इस्लाम के प्रभाव में रहा. 15वीं सदी में पुर्तगाल ने मोरक्को पर नियंत्रण किया. बाद में 1912 में फ्रांस इस देश में घुसा.
भारत में फुटबॉल से ज्यादा क्रिकेट को लेकर है दीवानगी
भारत में जिस खेल को लेकर सबसे ज्यादा दीवानगी है, वो क्रिकेट है. यहां फुटबॉल को लेकर वैसा पागलपन नहीं दिखता है, जैसा दुनिया के अन्य हिस्सों में दिखता है. भारत में कुछ राज्यों में ही फुटबॉल को लेकर क्रेज दिखता है. यहां नेम-फेम क्रिकेट को लेकर है, लेकिन फुटबॉल का नेम-फेम, दीवानगी दुनिया में बहुत ज्यादा है.
किंग से लेकर कोच ने किया कायापलट
मोरक्को भी ऐसा ही देश है, जहां लोगों में फुटबॉल को लेकर जबरदस्त जोश और जुनून है. बताया जाता है कि मोरक्को के कोच वालिद रेगरागुई की इस टीम की कायापलट में बड़ी भूमिका है. इसी अगस्त मोरक्को के कोच बने वालिद ने टीम को एकजुट करने में बड़ी मेहनत की. यही नहीं 1999 से मोरक्को की सत्ता संभाल रहे किंग मोहम्मद VI ने देश में फुटबॉल को आगे बढ़ाने में काफी मदद की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किंग मोहम्मद VI ने मोरक्को में फुटबॉल अकादमी बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी. नतीजतन कई प्रतिभावान खिलाड़ी आगे आए. ये खिलाड़ी अपने देश के साथ-साथ विदेशी लीग में भी बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही मोरक्को के फैंस भी अपनी फुटबॉल टीम को काफी चीयर करते हैं. इस समर्थन ने भी मोरक्को का आत्मविश्वास बढ़ाया है.
अपने से बेहतर रैंकिंग वाली टीमों को दी मात
मोरक्को ने इस वर्ल्ड कप में अपने से बेहतर रैंकिंग वाली बेल्जियम (नंबर 2), स्पेन (नंबर 7) और पुर्तगाल (नंबर 9) को हराया है. 12वें नंबर की टीम क्रोएशिया से ड्रॉ खेला, जबकि 41वें नंबर की टीम कनाडा को भी हराया. अब 15 दिसंबर को मोरक्को चौथे नंबर की टीम और डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस के खिलाफ सेमीफाइनल खेलेगी.
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