नई दिल्लीः भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने सुनील नारायण को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बताते हुए कहा कि जब उसने 2011 में भारत के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था तो उन्हें अंदाजा हो गया था कि वेस्टइंडीज का यह खिलाड़ी टी20 क्रिकेट का महान क्रिकेटर बनेगा. 


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गौतम गंभीर ने की तारीफ
कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के पूर्व कप्तान और अब टीम के मार्गदर्शक गंभीर ने खुलासा किया कि 2011 में नारायण को पदार्पण श्रृंखला में खेलते हुए देखने के बाद ही उन्होंने वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी को आईपीएल के लिए शामिल करने का फैसला किया था. गंभीर ने ‘केकेआर नाइट्स डगआडट पोडकास्ट’ में कहा, ‘‘मेंने सात या आठ गेंदों का ही सामना किया होगा और मुझे लगा कि यह खिलाड़ी खेल का महान क्रिकेटर बनेगा, विशेषकर टी20 क्रिकेट में. 


कहा- वह महान गेंदबाज हैं
उन्होंने कहा, देखिये अब सुनील नारायण कहां हैं? शायद वह आईपीएल इतिहास का सबसे महान गेंदबाज है.नारायण ने अपने आईपीएल करियर में 170 विकेट चटकाये हैं और लीग में 168 मैच में अब तक एक शतक सहित 1322 रन भी बनाये हैं. नारायण ने दिसंबर 2011 में अहमदाबाद में तीसरे वनडे में भारत के खिलाफ वनडे पदार्पण किया था जिसमें उन्होंने विराट कोहली और आर अश्विन को आउट कर 34 रन देकर दो विकेट चटकाये थे. 


गंभीर ने चौथे वनडे में पहली बार नारायण की गेंदों का सामना किया. नारायण हालांकि छह ओवर में 46 रन देकर कोई विकेट नहीं झटक सके थे. लेकिन गंभीर को लग गया था कि त्रिनिदाद का यह खिलाड़ी आईपीएल 2012 में शानदार गेंदबाज बनेगा. 2012 में नारायण केकेआर के रहस्यमयी गेंदबाज के तौर पर सामने आये और 24 विकेट लेकर मोर्नी मोर्कल के 25 विकेट के बाद दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने. 


इससे केकेआर की टीम 2012 में अपना पहला आईपीएल खिताब जीतने में सफल रही. केकेआर ने दूसरी दफा 2014 में खिताब अपने नाम किया जिसमें भी नारायण 21 विकेट लेकर उनके दूसरे सर्वश्रेष्ठ विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे. गंभीर ने फिर नारायण की बल्लेबाजी काबिलियत देखी और उन्हें केकेआर के लिए पारी का आगाज कराया. 


नारायाण बल्ले से काफी सफल रहे लेकिन गेंद पर भी अपनी पकड़ कायम रखी. लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ पिछले दो सत्र में यही भूमिका निभाने के बाद गंभीर ने कहा कि इस सत्र में केकेआर के लिए उनका मंत्र है कि साहसी बने रहो. गंभीर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सबसे प्रतिभाशाली टीम बड़े टूर्नामेंट नहीं जीतती. 


उन्होंने कहा, कल्पना कीजिये ऐसा टीम मालिक जो इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला हो, क्रिकेट के बारे या आपके फैसलों के बारे में एक बार भी नहीं पूछता हो. मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं कि मैने सभी फैसले सही किये. लेकिन उन्होंने कभी मेरे फैसलों पर सवाल नहीं उठाया. उनका मुझ पर इतना भरोसा था.


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