GT vs CSK: इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें सीजन का फाइनल मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया जहां पर चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने बारिश के खलल के बीच और आखिरी गेंद के रोमांच में 5 विकेट से जीत हासिल कर अपना पांचवा खिताब जीता. हालांकि सीएसके के लिए यह जीत आसान नहीं रही  जिसकी मुख्य वजह बने गुजरात टाइटंस के युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन, जिन्होंने इस मैच में 96 रनों की पारी खेलकर टीम का स्कोर 214 तक पहुंचाया.


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सुदर्शन ने जानें किसे दिया प्रदर्शन का श्रेय


गुजरात टाइटंस के बल्लेबाज बी साई सुदर्शन ने इंडियन प्रीमियर लीग फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के खिलाफ 47 गेंदों में 96 रन की शानदार पारी खेली और मैच के बाद इस पारी के पीछे का राज भी खोला.


सुदर्शन का श्रेय अपनी बल्लेबाजी में धैर्यपूण रवैये को देते हुए कहा कि उन्हें खेल के मानसिक पहलू पर ध्यान देने का फायदा मिला. सुदर्शन ने आठ चौकों और छह छक्कों से 96 रन बनाए जिससे टाइटंस की टीम चार विकेट पर 214 रन बनाने में सफल रही और उसके लगातार दूसरा खिताब जीतने की उम्मीद बढ़ गई थी.


दबाव में शांत रहकर किया प्रदर्शन


रविंद्र जडेजा ने हालांकि आखिरी दो गेंदों पर छक्का और चौका लगाया जिससे सुपरकिंग्स ने बारिश से प्रभावित फाइनल में 15 ओवर में 171 रन के संशोधित लक्ष्य को हासिल कर लिया.


सुदर्शन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘मैंने पिछले मैच में बहुत अधिक दबाव महसूस किया. मुझे इस बात का अहसास हुआ कि अधिक धैर्य दिखाना कहीं बेहतर है और मुझमें बहुत बेहतर करने की क्षमता है. मैं इस मैच में कहीं अधिक धैर्य के साथ खेला.’


रिटायर्ड आउट होने के फैसले पर दुखी थे सुदर्शन


21 साल के सुदर्शन ने कहा कि मुंबई इंडियंस के खिलाफ क्वॉलीफायर दो में 43 रन के स्कोर पर रिटायर्ड आउट होना ‘व्यक्तिगत रूप से चिंताजनक’ था लेकिन उन्हें पता था कि यह टीम का फैसला था.


उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर यह निश्चित रूप से चिंताजनक था लेकिन यह टीम का फैसला था और जिस तरह से तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर के बाद हमारे बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे थे, वे इस सत्र में आक्रामक रहे हैं. मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से टीम का फैसला था. यह निश्चित तौर पर टीम के हित में था और मैं शत प्रतिशत इसके साथ हूं.’


अपनी पारी के पीछे की बताई सोच


फाइनल में बल्लेबाजी के रवैये के बारे में पूछे जाने पर बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘जब शुभमन (गिल) आउट हुए तो मैं क्रीज पर टिके रहने और स्कोरबोर्ड पर नियंत्रण रखने के बारे में सोच रहा था. मैं अपनी तरफ से जोखिम उठाने की कोशिश कर रहा था और साथ ही टिके रहना चाहता था. यह मानसिक पहलू के बारे में अधिक था, कैसे तैयार होना है, कैसे जागरूक होना है या कैसे तय करना है कि उस स्थिति में क्या करना है. मैंने उस पर थोड़ा काम किया है और जाहिर तौर पर कौशल पर भी.’


अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी खुश नहीं हैं सुदर्शन


सुदर्शन टाइटंस के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज रहे. उन्होंने आठ मैचों में 51.71 के औसत और 141.40 के स्ट्राइक रेट से 362 रन बनाए जिसमें तीन अर्द्धशतक भी शामिल हैं. रविचंद्रन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ी से सराहना हासिल करने वाले सुदर्शन ने कहा, ‘निश्चित रूप से, (मैं) टीम में योगदान देने के लिए बहुत खुश हूं लेकिन थोड़ा दुखी भी हूं क्योंकि परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहा.’


विजय शंकर के सुझावों से मिला अहम योगदान


उन्होंने मूल्यवान सुझाव देने का श्रेय टाइटंस और तमिलनाडु टीम के अपने साथी विजय शंकर को दिया.


सुदर्शन ने कहा, ‘हमने क्रिकेट पर काफी चर्चा की, खासकर इस आईपीएल में. हमने एक-दूसरे के साथ विचार साझा किए और इससे मुझे बहुत मदद मिली. पिछले मैच के बाद भी उन्होंने कुछ सुझाव दिए जो मेरे लिए काफी उपयोगी रहे.’


सीएसके से नहीं छीन रहा जीत का श्रेय


गुजरात टाइटंस के टीम निदेशक विक्रम सोलंकी ने कहा कि वह सीएसके से श्रेय छीनने नहीं जा रहे हैं जिसने रिकॉर्ड की बराबरी करने वाला पांचवां आईपीएल खिताब जीता.


सोलंकी ने कहा, ‘मैं सीएसके से श्रेय नहीं छीनने जा रहा. आज नहीं. वे चैंपियन थे और वे चैंपियन बनने के हकदार हैं. हमने वह सब किया जो हम कर सकते थे, हम मुकाबले को अंतिम गेंद तक ले गए. मुकाबले में उतार-चढ़ाव आता रहा. हम बल्ले से काफी अच्छा प्रदर्शन किया. परिस्थितियां बदलीं या नहीं इस पर आप बातचीत जारी रख सकते हैं, लेकिन टीम ने जो हासिल किया है मैं उससे श्रेय नहीं लेने जा रहा.’


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