Harbhajan Singh MS Dhoni: क्रिकेट के इतिहास में भारत को मिली सबसे यादगार जीतों में से एक 2011 विश्वकप का अभियान था जिसको लेकर फैन्स और पूर्व क्रिकेटर्स अक्सर यादों के गलियारों में घूमते नजर आते हैं. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 28 सालों का सूखा खत्म कर वनडे इतिहास का दूसरा विश्वकप अपने नाम किया था. भारतीय क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर के करियर के लिये यह सबसे बेहतरीन फेयरवेल गिफ्ट था, जो कि 6 वनडे विश्वकप में शिरकत कर चुके थे लेकिन अपने पहले खिताब की तलाश कर रहे थे.


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पाकिस्तान के खिलाफ मिली थी यादगार जीत


विश्वकप के अपने विजयी अभियान में भारत ने क्वार्टरफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम को हराया था लेकिन फैन्स और खिलाड़ियों के लिये सबसे यादगार जीत सेमीफाइनल मैच में आई थी, जब भारतीय टीम ने अपनी धुर विरोधी टीम पाकिस्तान को मोहाली के मैदान पर धूल चटाकर फाइनल में प्रवेश किया था.


सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 115 गेंदों का सामना कर 85 रनों की पारी खेली थी, जिसके चलते भारतीय टीम 260 रन का स्कोर खड़ा करने में कामयाब हो पाई थी. रनों का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने शुरुआत में कुछ विकेट जल्दी खो दिये थे लेकिन मिस्बाह उल हक के नेतृत्व में दोबारा लय हासिल कर ली और उमर अकमल के साथ खतरनाक साझेदारी कर डाली.


धोनी की सलाह ने बदला मैच


21 साल के उमर अकमल शानदार लय में नजर आ रहे थे और 24 गेंदों में 2 छक्के और एक चौके की मदद से 28 रन बना चुके थे. तभी भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह के लिये कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसी सलाह लेकर आये जिसने मैच का रुख बदल दिया. भारतीय टीम के इस पूर्व गेंदबाज ने जीत के 11 साल बाद उस सलाह का खुलासा किया है.


स्टार स्पोर्ट्स के शो दिल से इंडिया में बात करते हुए हरभजन ने कहा,'वो मेरे करियर के उन कुछेक मैचों में से था जहां पर मेरे हाथ पैर फूल रहे थे. मैं पहले 5 ओवर में 26-27 रन दे चुका था. तभी ड्रिक्स ब्रेक हुआ और धोनी ने मुझसे कहा, भज्जू पा आप वहां से डालोगे (अराउंड द विकेट). अकमल (उमर) अच्छा खेल रहा था और मिस्बाह भी और वो रन बनाकर साझेदारी करते जा रहे थे जो कि खतरनाक लग रही थी. इसके बाद जब मैं गेंदबाजी के लिये आया तो मैंने भगवान को याद कर जीत की दुआ मांगी. मैंने धोनी की सलाह मानी और भगवान ने मेरी सुनली, पहली ही गेंद पर अकमल पूरी तरह से गेंद से दूर रह गया और हमें विकेट मिल गई.'


लड़खड़ा गई थी पाकिस्तान की पारी


गौरतलब है कि अकमल का विकेट गिरने के बाद पाकिस्तान का बल्लेबाजी क्रम चरमरा गया और अब्दुल रज्जाक (3), शाहिद अफरीदी (19) की जोड़ी सस्ते में वापस लौट गये. मिस्बाह (56) इस मैच में अकेले टिके रहे लेकिन वो भी अपनी टीम को 231 के स्कोर तक ही पहुंचा सके.


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