नई दिल्ली: ब्राजील के विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में क्रोएशिया के हाथों हार के बाद फुटबॉल के दीवाने इस देश में सन्नाटा पसर गया. नेमार ने जब अतिरिक्त समय में गोल किया तो साओ पाउलो से लेकर रियो डी जनेरियो तक लोग जश्न में डूब गए. लेकिन उनकी खुशी कुछ मिनट तक की बनी रही क्योंकि क्रोएशिया ने बराबरी का गोल करने के बाद पेनल्टी शूटआउट में ब्राजील को हराकर बाहर कर दिया. 


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विश्व कप से बाहर होने के बाद ब्राजील में पसरा सन्नाटा 


साओ पाउलो के एक बार में बैठकर मैच देख रहे 34 वर्षीय इंजीनियर सर्जियो फारिया ने कहा कि जब पेनल्टी शूटआउट शुरू हुआ तो वह शांत चित्त होकर बैठे थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि सेमीफाइनल मुकाबला ब्राज़ील और अर्जेंटीना के बीच खेला जाएगा. उन्होंने कहा,‘‘यह अजीब तरह का अहसास है. क्रोएशिया ने गोल किए लेकिन ब्राजील ने कई मौके गंवाए. ब्राजील का विश्व कप से बाहर होने का यह सबसे अजीबोगरीब मामला है.’’ 


इस फुटबाल प्रशंसक ने कहा,‘‘मेरी अब भी समझ में नहीं आ रहा है कि हमारे कोच टिटे ने एंटोनी की जगह वीनिसीयस जूनियर को क्यों चुना. मेरी समझ से परे है कि शूटआउट में नेमार को पहली पेनल्टी लेने के लिए क्यों नहीं भेजा गया. मुझे नहीं पता कि ब्राजील ने अधिक आक्रामक रवैया क्यों नहीं अपनाया.’’ पेनल्टी शूटआउट में रोड्रिगो और मार्क्विनहोस अपने शॉट चूक गए जिस कारण नेमार की पेनल्टी लेने की बारी ही नहीं आई. छप्पन वर्षीय नेयला बर्ले मैच के बाद रोने लगी. 
फैंस ने उठाई कोच बदलने की मांग


ब्राज़ील फुटबॉल टीम की धुर प्रशंसक बर्ले मैच के बाद गुमसुम हो गई. वह विला मडालेना के एक फुटपाथ पर बैठी थी, जहां ब्राजील के सेमीफाइनल में पहुंचने पर सांबा संगीत में जश्न मनाने की तैयारियां की गई थी. उन्होंने कहा,‘‘ हमें खिताब के लिए फिर से विदेशी कोच रखने की जरूरत है. हमें लगा कि टिटे हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ हैं लेकिन वह फिर से असफल रहे. मुझे लगता है कि जब हम सेमीफाइनल में पहुंचने से कुछ मिनट दूर थे तब हमें क्रोएशिया को गोल करने ही नहीं देना था.’’ 


चंद लम्हों में ब्राजील में फैल गया सन्नाटा


साओ पाउलो और रियो डी जेनेरियो से लेकर देश के विभिन्न शहरों में लोगों ने जश्न मनाने की तैयारियां कर रखी थी लेकिन वहां मैच समाप्त होने के बाद मुर्दानगी छा गई और लोग रोने लग गए. साओ पाउलो में गियोवाना अर्कांजो न केवल अपने लिए बल्कि अपनी रोती हुई बेटी एना लुइज़ा के कारण भी परेशान थी. उन्होंने कहा,‘‘ यह बहुत भावनात्मक और दुखद है.


उसे ब्राजील से काफी अपेक्षा थी. उसके मोबाइल फोन की लॉक स्क्रीन में विश्वकप ट्रॉफी थी जबकि उसके फोन के कवर पर खिलाड़ियों की तस्वीर है. हमें लगा था कि इस बार हम छठा विश्वकप खिताब जीत लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.’’ कोपाकाबना समुद्र तट पर ऐसा ही माहौल था जहां हजारों लोग ब्राजील की जीत का जश्न मनाने पहुंचे थे लेकिन आखिर में वहां भी सन्नाटा पसर गया. 


 


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