नई दिल्लीः भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा फिडे विश्व कप शतरंज के फाइनल में क्लासिकल मुकाबले बराबरी पर रहने के बाद दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन से गुरुवार को टाइब्रेक में 1.5 - 0.5 से हार गए . दूसरा 25 प्लस 10 टाइब्रेक मुकाबला 22 चालों के बाद ड्रॉ रहा. नॉर्वे के महान खिलाड़ी कार्लसन ने पहला मुकाबला जीतने के बाद रक्षात्मक खेल दिखाया. 


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कार्लसन ने दिखाया अनुभव
कार्लसन की विश्व कप में यह पहली जीत है लेकिन वह विश्व चैम्पियनशिप पांच बार जीत चुके हैं. उन्हें भारत के 18 वर्ष के प्रज्ञानानंदा से पहले टाइब्रेक मुकाबले में कड़ी चुनौती मिली और 45 चालों के बाद वह जीत सके. दूसरे मुकाबले में हालांकि उन्होंने दबदबा बनाया और आसानी से जीते . इससे पहले मंगलवार और बुधवार को दो क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे थे जिससे मुकाबला टाइब्रेक में खिंचा. 


प्रज्ञानानंदा ने रचा इतिहास
प्रज्ञानानंदा ने टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नकामूरा और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेबियानो कारूआना को हराकर कार्लसन के खिलाफ फाइनल में जगह बनाई . इस टूर्नामेंट के बाद प्रज्ञानानंदा ने कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट में जगह बना ली जो कनाडा में होगा . वह बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद इस टूर्नामेंट में जगह बनाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. 


बता दें कि प्रज्ञानानंद ने फाइनल में जगह बनाने के लिए सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराया था. गौरतलब है कि प्रज्ञानानंद फाइनल में पहुंचने वाले महज़ दूसरे भारतीय बने हैं. उनसे पहले महान खिलाड़ी विश्वनाथ आनंद वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हुए थे.


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