Ravi Shastri on IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही 4 मैचों की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले दो मैचों में भारतीय टीम का दबदबा देखने को मिला है और उसने फिलहाल 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है. सीरीज का तीसरा मैच एक मार्च से इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जाना है जिससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और क्रिकेटर रवि शास्त्री ने उस वजह का खुलासा किया है जिसके चलते ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले दो मैचों में महज 3 दिन के अंदर ढेर हो गई है.


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संयम की कमी के चलते ढेर हो गई ऑस्ट्रेलिया की टीम


रवि शास्त्री का मानना है कि बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में वापसी करने के लिये ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक बार फिर से अपने बेसिक्स पर काम करना होगा और मैदान पर ज्यादा जुझारुपन दिखाते हुए संयम से खेलना होगा. उल्लेखनीय है कि जब सीरीज का आगाज हुआ था तो ऑस्ट्रेलिया की टीम दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम के रूप में भारत पहुंची थी जिसके पास विश्वस्तरीय बल्लेबाज थे लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने दोनों ही मैचों में इन बैटर्स ने निराश किया.


नतीजन भारतीय टीम ने 2-0 से सीरीज में अजेय बढ़त हासिल कर न सिर्फ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लगातार चौथी बार अपने पास रखा बल्कि आईसीसी की टेस्ट, टी20 और वनडे रैकिंग में एक साथ पहले पायदान पर काबिज होने वाली दूसरी टीम भी बन गई.


कहां हुई ऑस्ट्रेलियाई टीम से चूक


आईसीसी रिव्यू के शो में संजना गनेशन ने रवि शास्त्री से पूछा कि बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में कहां पर ऑस्ट्रेलियाई टीम से चूक हुई जिसके जवाब में रवि शास्त्री ने बिल्कुल भी कोताही नहीं बरती और कंगारू टीम की गलतियों को जाहिर किया.


उन्होंने कहा,’मुझे लगता है कि उनके प्लान तो अच्छे थे लेकिन मैदान पर उन्हें जब भी लागू करने की बात आई तो उन्होंने बहुत निराश किया. उनका अपने डिफेंस को लेकर कोई विश्वास ही नहीं है और ये उनकी बल्लेबाजी में भी नजर आया. ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजों की ओर से प्लान को लागू न कर पाना और अपने खेल में डिसिप्लिन न ले पाना उन्हें काफी भारी पड़ा.’


कंगारुओं को वापस बेसिक्स पर जाने की जरूरत


शास्त्री का मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को सीरीज के बचे हुए मैचों में क्रीज पर टिककर खेलने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये क्योंकि आक्रामक खेलने के रवैया उनके पतन का कारण बना.


उन्होंने कहा,’यह बहुत जरूरी है कि वो अपने बेसिक्स पर जाएं और फिर से ड्राइंड बोर्ड से शुरुआत करें. अगर आप अपने डिफेंस पर विश्वास नहीं कर सकते हैं तो आपके पास कोई मौका नहीं है क्योंकि जब आप अपनी सोच को बंदिशों से आजाद करते हैं तो आप ज्यादा जल्दी और नैचुरल खेलते हैं. कई बार आपको क्रीज पर ज्यादा वक्त बिताने की जरुरत होती है लेकिन आप उस पर कैसे वक्त बिताएंगे जब आपको अपने डिफेंस पर ही विश्वास नहीं है. हालांकि मुझे एक ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ऐसा नजर नहीं आया जो ये करता दिखे.’


ऑस्ट्रेलियाई बैटर्स में इन चीजों की कमी


भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच ने आगे बात करते हुए कहा कि जिस चीज ने मुझे सबसे ज्यादा हैरान किया वो यह है कि टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी भी मैदान पर आते हैं और साधारण तरीके से खेलने की कोशिश करते हैं. इस चीज के वो बिल्कुल भी आदी नहीं हैं, भारतीय परिस्थितियों में वो ज्यादा जल्दबाजी दिखा रहे थे. तो मुझे लगता है कि उनमे संयम, डिसिप्लिन, प्लान को लागू करने और अपने डिफेंस पर विश्वास न करने की कमियां है.


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