नागपुरः महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट वास्तव में अलग तरह का खेल है लेकिन उन्होंने बुधवार को कहा कि सूर्यकुमार यादव अपने कौशल और अलग हटकर सोचने की क्षमता के कारण पारंपरिक प्रारूप में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पीटीआई को दिए साक्षात्कार में तेंदुलकर ने दो खिलाड़ियों के बीच मुकाबले (मैच अप) के महत्व, रविचंद्रन अश्विन की प्रतिभा और चेतेश्वर पुजारा के महत्व के बारे में बात की जो गुरुवार से जामथा में अपना 99वां टेस्ट खेलने की तैयारी कर रहे हैं.


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सूर्या को लेकर भगवान ने दी ये टिप्पणी
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘टी20 और वनडे खेलने से लेकर अब टेस्ट टीम में जगह बनाने तक उन्होंने (सूर्यकुमार यादव) दुनिया भर में अपनी अतुलनीय छाप छोड़ी है. जो भी सूर्यकुमार के खेल पर नजर रखते हैं, वे उसकी क्षमता और सोचने के तरीके के कायल हो जाते हैं. उन्होंने कहा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट अलग तरह का खेल है. सूर्यकुमार टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखता है. उसकी क्षमता के किसी खिलाड़ी के नाम पर लोकेश राहुल और शुभमन गिल के साथ विचार किया जाना चाहिए.


प्लेइंग इलेवन पर क्या बोले तेंदुलकर
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ अंतिम एकादश की बहस में नहीं पड़ना चाहते थे लेकिन उन्होंने कहा कि टीम में जगह बनाए रखने के लिए प्रदर्शन में निरंतरता जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं टीम संयोजन और उस सब में नहीं पड़ना चाहता. लेकिन अगर हम हाल के दिनों की बात करें तो शुभमन गिल अच्छी फॉर्म में है और राहुल योगदान नहीं दे पाया है लेकिन यही जीवन है. आप इन उतार-चढ़ावों से गुजरते हैं.


पुजारा को लेकर भी दिया बयान
दो सौ टेस्ट खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर तेंदुलकर ने कहा, मुझे लगता है कि पुजारा की उपलब्धियों को पर्याप्त मान्यता नहीं दी गई है और टीम में उनके महत्व को भी पर्याप्त मान्यता नहीं दी गई. ऑस्ट्रेलिया को निश्चित रूप से मिशेल स्टार्क की कमी खलेगी लेकिन तेंदुलकर को लगता है कि बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की गैरमौजूदगी से ऑफ स्पिनर लियोन का प्रभाव कम हो सकता है.


 तेंदुलकर ने कहा, ‘‘लियोन एक विश्व स्तर का गेंदबाज है और वह तब अधिक प्रभावी हो जाता है जब स्टार्क खेलता है क्योंकि दाएं हाथ के बल्लेबाज के ऑफ स्टंप के बाहर पैर के निशान बन जाते हैं. ये चीजें मैच में काफी महत्वपूर्ण होती हैं.’’ पारंपरिक रूप से स्पिनर गेंद पुरानी होने पर प्रभावी होते हैं लेकिन तेंदुलकर के अनुसार रविचंद्रन अश्विन के मामले में सुबह की हवा में ठंडक और पिच में नमी की मौजूदगी उन्हें पहले ही घंटे में महत्वपूर्ण बना सकती है.


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