IND vs BAN: भारत और बांग्लादेश के बीच खेली जा रही 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच ढाका के शेर ए बांग्ला स्टेडियम में खेला जा रहा है, जहां पर बांग्लादेश की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 227 रन का स्कोर खड़ा किया. हालांकि इस मैच में जिस चीज ने सबसे ज्यादा हैरान किया है वो है कुलदीप यादव, जिन्हें पिछले मैच में ही मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था लेकिन इस मैच में उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल हो पाने का मौका तक नहीं मिल पाया.


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कुलदीप यादव को प्लेइंग 11 में नहीं मिली जगह


कुलदीप यादव को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट की अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलने से हैरान पूर्व दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह को लगता है कि क्या यह बेहतर रहेगा अगर बाएं हाथ का कलाई का यह स्पिनर ‘मैच का सर्वश्रेठ खिलाड़ी पुरस्कार’ नहीं जीते या पांच विकेट नहीं चटकाए. टेस्ट क्रिकेट में 22 महीने के बाद वापसी करते हुए कुलदीप ने चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट चटकाए जिसमें पहली पारी में 40 रन पर पांच विकेट भी शामिल हैं. 


उन्होंने बल्ले से भी 40 रन का उपयोगी योगदान दिया लेकिन अंतिम एकादश में सौराष्ट्र के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को शामिल करने के लिए उन्हें दूसरे टेस्ट की टीम से बाहर कर दिया गया. भारत के महानतम स्पिनरों में से एक हरभजन कुलदीप को बाहर करने के फैसले से बेहद नाराज दिखे. 


कुलदीप को 5 विकेट लेना बंद कर देना चाहिये


हरभजन ने प्रतिक्रिया मांगे जाने पर से व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘मुझे लगता है कि अब से कुलदीप को पांच विकेट लेना बंद कर देना चाहिए. क्या पता इससे उसे लगातार दो टेस्ट मैच खेलने का मौका मिल जाए. चटगांव टेस्ट से पूर्व पिछली बार उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में (99 रन पर पांच विकेट) अलग हालत में पांच विकेट चटकाए थे. उसे विदेशी हालात में भारत का नंबर एक स्पिनर होना चाहिए था लेकिन उसे टेस्ट खेलने के लिए दो साल से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा. अब उसे लगभग दो साल बाद दोबारा टेस्ट खेलने का मौका मिला और उसे फिर टीम से बाहर कर दिया गया. इसके पीछे का तर्क जानने में खुशी होगी.’


कुलदीप को टेस्ट में मिलना चाहिये ज्यादा मौका


तेज गेंदबाज उमेश यादव और वापसी कर रहे उनादकट ने मिलकर छह विकेट चटकाए लेकिन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी चार विकेट चटकाए जिससे पता चला है कि यह पूरी तरह से तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच नहीं थी. बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन की कुछ गेंद भी काफी तेजी से टर्न हुईं. हरभजन को लगता है कि भारतीय क्रिकेट में ‘सुरक्षा’ सिर्फ एक शब्द बनकर रह गया है. 


उन्होंने कहा, ‘मैं किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन टेस्ट ढांचे में कुछ खिलाड़ियों को लंबे समय तक मौके मिले, पांच साल तक भी. कुलदीप के मामले में लगता है कि इस तरह की सुरक्षा की मियाद सिर्फ पांच दिन है. अगर किसी को आठ विकेट चटकाने के बाद भी बाहर कर दिया जाएगा तो फिर वह कैसे सुरक्षित महसूस करेगा. क्या वह निडर होकर खेल सकता है जबकि टीम प्रबंधन ने उसके अंदर डर भर दिया है.’


हरभजन ने कहा कि वह सहमत है कि बांग्लादेश की टीम टेस्ट प्रारूप में काफी मजबूत नहीं है लेकिन अच्छा प्रदर्शन करने वाले को बाहर करने से युवा खिलाड़ियों के बीच गलत संदेश जाएगा. 


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