Ind vs SA: रिंकू सिंह क्यों बार-बार हो रहे फेल? किस दुविधा में फंस गया है ये विस्फोटक बैटर
Ind vs SA T20: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को निर्णायक चौथा टी20 मैच और सीरीज जीतने की कोशिश में जुटी भारतीय टीम के लिए रिंकू सिंह का बल्लेबाजी क्रम और खराब फॉर्म चिंता का सबब होगा. संजू सैमसन और तिलक वर्मा के शतकों के अलावा भारतीय बल्लेबाजों ने प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया है.
नई दिल्लीः Ind vs SA T20: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को निर्णायक चौथा टी20 मैच और सीरीज जीतने की कोशिश में जुटी भारतीय टीम के लिए रिंकू सिंह का बल्लेबाजी क्रम और खराब फॉर्म चिंता का सबब होगा. संजू सैमसन और तिलक वर्मा के शतकों के अलावा भारतीय बल्लेबाजों ने प्रभावी प्रदर्शन नहीं किया है.
सीरीज में 2-1 से आगे है भारत
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जोहान्सबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में 15 नवंबर को रात 8.30 बजे से मैच होगा. भारत अभी सीरीज में 2-1 से आगे है लेकिन 3-1 से जीतने के लिए बल्लेबाजों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी. भारत के लिए वांडरर्स हमेशा से भाग्यशाली रहा है जहां उसने 2007 में पाकिस्तान को हराकर पहला टी20 विश्व कप जीता था. एक साल पहले पिछली टी20 सीरीज में कप्तान सूर्यकुमार यादव ने शतक जमाकर टीम को जीत दिलाई थी.
रिंकू की फॉर्म चिंता का सबब
सूर्यकुमार की कप्तानी में भारत ने 16 में से 13 मैच जीते हैं और इस बार वह सीरीज जीतकर लौटना चाहेंगे. पिछली बार सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही थी. चूंकि एक मैच बारिश की भेंट हो गया था. टी20 क्रिकेट के सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में शुमार रिंकू सिंह का फॉर्म भी चिंता का सबब है जो पिछले कुछ महीने से अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं.
रिंकू में आत्मविश्वास जगाएंगे सूर्या
ऐसा लग रहा है कि छठे या 7वें नंबर पर उतरने से वह सहज होकर खेल नहीं पा रहे हैं. भारत में अगला टी20 विश्व कप 2026 में है और सूर्यकुमार के पास रिंकू में आत्मविश्वास भरकर उनके प्रदर्शन को ढर्रे पर लाने का पूरा समय है. स्पष्टता के अभाव में उनके जैसे हुनरमंद क्रिकेटर को खोने का जोखिम भारतीय टीम नहीं उठा सकती.
दुविधा में हैं रिंकू सिंह?
मौजूदा सीरीज में रिंकू दो मैचों में छठे और एक मैच में 7वें नंबर पर उतरे और 28 रन ही बना सके. निचले क्रम पर उतरने से 11, 9 या आठ रन का स्कोर चिंता का विषय नहीं है लेकिन असल चिंता इस बात की है कि इसके लिए उन्होंने कुल 34 गेंदें खेल डाली. आईपीएल के दौरान भी रिंकू को 15 मैचों में कुल 113 गेंद ही खेलने को मिली थी यानी प्रति मैच 7.5 गेंद. एक फिनिशर के तौर पर रिंकू को हर पारी में करीब दस ही गेंद मिल सकती है. इससे शायद उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ा है क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह आक्रामक खेलें या सहायक की भूमिका में रहें.
रिंकू ने अधिकांश समय पांचवें नंबर पर उतरकर अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन जब संजू सैमसन सलामी बल्लेबाज के तौर पर और तिलक वर्मा तीसरे नंबर पर उतर रहे हैं तो रिंकू को हार्दिक पंड्या से पहले उतारना कठिन है. टीम प्रबंधन को इस मसले का तुरंत हल निकालना होगा.
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