नई दिल्लीः भारत को पहली बार 1983 में विश्व कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने इस महीने वनडे विश्व कप फाइनल में आस्ट्रेलिया के हाथों भारत की छह विकेट से हार पर कहा कि अत्यधिक हाइप से दिल टूटते हैं लिहाजा संतुलन बनाये रखना जरूरी है . उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशंसकों को इतना दबाव नहीं बनाना चाहिये और क्रिकेट को दूसरे खेल की तरह ही लेना चाहिये . 


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जानिए क्या बोले कपिल देव
उन्होंने यहां कपिल देव ग्रांट थोर्नटन आमंत्रण गोल्फ टूर्नामेंट के पहले टी आफ कार्यक्रम से इतर कहा ,‘‘ इतनी उम्मीदें मत पालिये कि दिल टूट जायें . संतुलन बनाना जरूरी है . दूसरी टीमें भी भारत विश्व कप खेलने आई थी . इतनी हाइप मत बनाइये . हमें खेल को खेल की तरह ही लेना चाहिये . जो मैच के दिन अच्छा खेलता है, उसका सम्मान करिये . हम ज्यादा ही जज्बाती हैं .’’ भारत ने लगातार दस मैच जीते लेकिन फाइनल में हार गया . पिछले दस साल में भारत आठ आईसीसी टूर्नामेंटों में से सात में नॉकआउट में हार गया है . 


कहा- बहुत दबाव महसूस करते हैं
कपिल ने कहा ,‘‘ आज के खिलाड़ी ही बता पायेंगे कि वे कितना दबाव महसूस करते हैं . हम सिर्फ अनुभव कर सकते हैं .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ भारत जीतता है तो अच्छा लगता है . हमें कुछ कमियों पर ध्यान देना होगा . जीत के बाद भी कमियां रहती हैं और अहम यह है कि उन्हें दूर किया जाये .’’ कपिल ने कहा ,‘‘ भारत ने लगातार दस मैच जीते . क्या यह काफी नहीं है . हमें दूसरी टीमों को भी देखना चाहिये . तुलना करने की जरूरत नहीं है . यह देखना चाहिये कि हमने अच्छा खेला या नहीं . हमने बहुत अच्छा खेला और बस फाइनल का दिन हमारा नहीं था .’’ 


उन्होंने कहा ,‘‘ दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को देखिये . इंग्लैंड तो गत चैम्पियन था लेकिन सातवें स्थान पर रहा .’’ उन्होंने फाइनल में हार के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में जाकर खिलाड़ियों को ढांढस बंधाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की . उन्होंने कहा ,‘‘ प्रधानमंत्री हौसलाअफजाई नहीं करेंगे तो कौन करेगा . वह देश के नंबर एक व्यक्ति हैं और उनका समर्थन पाना अच्छा लगता है .’’ 


उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विराट कोहली और रोहित शर्मा के भविष्य पर टिप्पणी से इनकार करते हुए कहा ,‘‘ यह चयनकर्ताओं का काम है और उन्हीं पर छोड़ देना चाहिये . हर बात पर टिप्पणी करना अच्छा नहीं है . वे जिम्मेदार हैं और उन्हें जो ठीक लगता है, वह करना चाहिये .


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