नई दिल्ली: भारत की प्रसिद्ध एथलीट पी. टी. उषा का कहना है कि एथलेटिक्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए नए टैलेंट की तलाश जरूरी है. उषा 1984 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 400 मीटर हर्डल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं और पदक लाने से मामूली अंतर से चूक गई थीं.


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उषा ने मीडिया से बात करते हुए नीरज चोपड़ा के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने सहित अन्य विषयों पर अपनी राय रखी. उनसे पूछे गए दिलचस्प सवाल और जवाब को नीचे पढ़िए..


नीरज चोपड़ा पर पी. टी. उषा ने क्या कहा?


सवाल: नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीत पहले भारतीय एथलीट बनकर इतिहास रचा है. इस जीत पर आपकी क्या राय है?
जवाब: नीरज की जीत ने देश का मनोबल बढ़ाया है, जिसने मामूली अंतर से एथलीटों को पदक से चूकते हुए देखा है. इससे यह एहसास होता है कि हम कर सकते हैं. यह इस देश के युवाओं और बच्चों के प्रदर्शन के लिए प्रेरणा है और मुझे लगता है कि भारत भविष्य में एथलेटिक्स में कई स्वर्ण पदक विजेता पैदा करेगा.


सवाल: एक शीर्ष भारतीय एथलीट के रूप में, क्या आपको लगता था कि नीरज टोक्यो में इस तरह से प्रदर्शन करेंगे?
जवाब: मैंने उन्हें 2016 आईएएफ अंडर-20 विव चैंपियनश्पि में थ्रो करते देखा था और उन्होंने 86.48 मीटर का थ्रो कर वहां स्वर्ण जीता था. विश्व चैंपियनशिप में प्रदर्शन करने वाले एक अंडर 20 वर्षीय एथलीट के रूप में, मैं उनके शांत आचरण और उनकी मानसिक शक्ति को देख सकती थी और मुझे पता था कि वह बड़ी चीजों के लिए बने हैं.


सवाल: आपके अनुसार नीरज की ओलंपिक में जीत के क्या बड़े कारण हैं?
जवाब: मैंने पहले भी कहा है कि नीरज ऐसा एथलीट है जो ध्यान केंद्रित रखते हैं. वह कभी दबाव में नहीं आते जो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में काफी मायने रखता है. हमारे पास कैसा भी टैलेंट हो लेकिन हम तब तक अच्छे रिजल्ट नहीं दे सकते जब तक ध्यान केंद्रित नहीं करें. अपनी प्रतिभा को निखारना और मानसिक रूप से शांत रहना जरूरी है और ये सभी गुण नीरज में दिखे.


सवाल: यह भारतीय स्पोटर्स और एथलेटिक्स के लिए बड़ा पल है. एक पूर्व एथलीट के नाते आपकी ओलंपिक खेलों सहित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में ज्यादा स्वर्ण पदक लाने के लिए क्या राय है?
जवाब: हमें नए टैलेंट की खोज कर उन्हें महान एथलीट के रूप में विकसित करना होगा, मैंने कई वर्षों से यह सुझाव दिया है. हमें टैलेंट को ढूंढना होगा. हम अभी सिर्फ बेहतर करने वाले को प्राथमिकता देते हैं लेकिन नए टैलेंट की तलाश करना एकदम अलग है. ग्रामीण भारत में हमें ऐसे टैलेंट मिल सकते हैं.


सवाल: एथलेटिक्स और खेलों को लेकर भारत सरकार की प्रतिक्रिया कैसी है?
जवाब: भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलों को लेकर काफी बेहतरीन काम किया है. प्रधानमंत्री की देखभाल और चिंता हम सभी ने देखी जब उन्होंने बेल्जियम से सेमीफाइनल में हार के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम को फोन किया और उन्हें बिना किसी तनाव के कांस्य के लिए खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. यह एक खिलाड़ी को अत्यधिक आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान देगा.


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