टेनिस की दुनिया में इतिहास बनकर रह गए रोजर फेडरर, टीम के खिलाड़ियों से मिलकर फूटफूट कर रोने लगे
Roger Federer Career Last Match: 41 वर्षीय फेडरर अपने करियर में कुल 20 ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुके है और कई सप्ताह तक दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी भी रहे चुके है. फेडरर लेवर कप में अपना आखिरी मैच खेलने के लिए यूरोप की तरफ से कोर्ट पर उतरे. जहां पर उनके जोड़ीदार की भूमिका में राफेल नडाल मौजूद थे.
Roger Federer Career Last Match: 24 सितंबर टेनिस की दुनिया का एक यादगार लम्हा बनकर रह गया. इस लम्हें के बाद से टेनिस की दुनिया के धुरंधर कहे जाने वाले स्विटजरलैंड के स्टार खिलाड़ी रोजर फेडरर टेनिस की इतिहास में याद बन कर रह गए हैं. रोजर फेडरर जब अपना आखिरी मैच खेलने के लिए कोर्ट पर उतरे तो उनके जोड़ीदार की भूमिका में कोई और नहीं बल्कि कई वर्षों से उनके प्रतिद्वंदी रहे राफेल नडाल ही थे. फेडरर ने शुक्रवार की रात को अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया.
करियर के आखिरी मैच में हारे रोजर फेडरर
41 वर्षीय फेडरर अपने करियर में कुल 20 ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुके है और कई सप्ताह तक दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी भी रहे चुके है. फेडरर लेवर कप में अपना आखिरी मैच खेलने के लिए यूरोप की तरफ से कोर्ट पर उतरे. जहां पर उनके जोड़ीदार की भूमिका में राफेल नडाल मौजूद थे. इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों को वर्ल्ड टीम के फ्रांसिस टियाफो और जैक सॉक से हार का सामना करना पड़ा.
वर्ल्ड टीम के खिलाड़ियों ने इस मैच को 4-6, 7-6 (2), 11-9 से जीता लेकिन यह केवल रिकॉर्ड के लिए है क्योंकि इस मैच के मायने कुछ और थे. यह विश्व टेनिस पर लंबे समय तक राज करने वाले फेडरर को विदाई देने का अवसर था. जब मैच समाप्त हुआ और फेडरर ने अपने प्रोफेशनल टेनिस करियर को अलविदा कहा तो उन्होंने सबसे पहले नडाल और फिर टियाफो और सॉक को गले लगाया.
मैच के बाद फूट-फूट कर रोये फेडरर
फेडरर इसके बाद भावुक हो गए और जब वह टीम यूरोप के अन्य खिलाड़ियों से मिलने पहुंचे तो वह अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए और फूटफूट कर रोने लग गए. स्टेडियम में मौजूद दर्शक भावुकता की स्थिति में तालियां बजा रहे थे. फेडरर ने इसके बाद दर्शकों का आभार व्यक्त किया. दो घंटे से अधिक समय तक चले और रात 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हुए मैच के बाद पूरा कोर्ट अलविदा फेडरर, अलविदा फेडरर की आवाज से गूंज उठा.
स्विटजरलैंड के इस स्टार खिलाड़ी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वह इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता के बाद टेनिस से संन्यास ले लेंगे. इसके बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्पेशल डबल्स मैच उनके करियर का आखिरी मैच साबित होगा. फेडरर को पिछले साल विंबलडन के क्वार्टर फाइनल में हार के बाद अपने दाहिने घुटने के तीन ऑपरेशन कराने पड़े थे. इसके बाद वह कोर्ट पर नहीं उतर पाए और इस तरह से विंबलडन का वह मैच उनका आखिरी एकल मैच साबित हुआ.
संन्यास लेने का फैसला सबसे अच्छा
फेडरर ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था,‘ जब मैंने तय किया कि संन्यास लेना सर्वश्रेष्ठ फैसला है तो मैं बहुत दुखी था. मुझे इसका बेहद दर्द महसूस हो रहा था. मैंने हजारों बार ऐसा किया है लेकिन यह अलग तरह का अहसास है, आज रात मैच देखने के लिए आने वाले सभी का आभार.’
इस दिग्गज टेनिस खिलाड़ी ने अपने करियर में 20 ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है. जिनमें विंबलडन में आठ, ऑस्ट्रेलियाई ओपन में छह, अमेरिकी ओपन में पांच और फ्रेंच ओपन में एक खिताब शामिल है. फेडरर ने कुल मिलाकर 103 एकल खिताब जीता है, और वह 310 सप्ताह तक एटीपी रैंकिंग में नंबर एक पर काबिज रहे. इसके अलावा उनके नाम पर डेविस कप खिताब और ओलंपिक पदक भी दर्ज है. खेल से इतर उन्हें एक आदर्श खिलाड़ी माना जाता था जिन्होंने टेनिस को नई ऊंचाइयां प्रदान किया.
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