नई दिल्लीः रोहित शर्मा की टेस्ट कप्तानी को तुरंत कोई खतरा नहीं है लेकिन मुंबई के इस स्टार बल्लेबाज को अगर पारंपरिक प्रारूप में अपनी नेतृत्व क्षमता पर सवालिया निशान लगने से रोकना है तो वेस्टइंडीज में शानदार प्रदर्शन करना होगा. रोहित वेस्टइंडीज में दो टेस्ट की श्रृंखला में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे और संभवत: इसके बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ बैठकर पारंपरिक प्रारूप में अपने भविष्य पर चर्चा करेंगे.


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12 जुलाई से पहले विंडीज सीरीज
भारतीय टीम में इस मामले की जानकारी रखने वालों की माने तो रोहित अगर 12 जुलाई से डोमीनिका में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट की श्रृंखला में कप्तानी से स्वयं हटने का फैसला नहीं करते हैं तो वह टीम की अगुआई करेंगे. रोहित हालांकि डोमीनिका या पोर्ट ऑफ स्पेन में होने वाले दूसरे टेस्ट (20 से 24 जुलाई) में अगर कोई बड़ी पारी नहीं खेलते हैं तो बीसीसीआई के आला अधिकारियों और राष्ट्रीय चयन समिति पर कड़ा फैसला करने का दबाव होगा. 


जानिए क्या बोला बीसीसीआई
बीसीसीआई एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘ये निराधार बातें हैं कि रोहित को कप्तानी से हटा दिया जाएगा. हां, क्या वह पूरे दो साल के डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैंपियनशिप) चक्र में बरकरार रहेगा, यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि 2025 में तीसरा चक्र समाप्त होने पर वह लगभग 38 वर्ष का होगा.’’ 


उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल मेरा मानना है कि शिव सुंदर दास और उनके सहयोगियों को दो टेस्ट के बाद और उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को देखते हुए फैसला करना होगा." असल में बीसीसीआई अन्य खेल बोर्ड से बहुत अलग तरीके से काम करता है. भारतीय बोर्ड में शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि जब आलोचना चरम पर पहुंच जाती है तो आप फैसले नहीं लेते.


सूत्र ने कहा, ‘‘वेस्टइंडीज दौरे के बाद दिसंबर के अंत तक कोई टेस्ट नहीं है जब टीम दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगी. इसलिए चयनकर्ताओं के पास विचार-विमर्श करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है. तब तक पांचवां चयनकर्ता (नया अध्यक्ष) भी समिति में शामिल हो जाएगा और तब फैसला किया जा सकता है.’’ जो लोग भारतीय क्रिकेट की जानकारी रखते हैं वे जानते हैं कि जब विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला हारने के बाद टेस्ट कप्तानी छोड़ी थी तो रोहित शुरू में पारंपरिक प्रारूप में कप्तान बनने के लिए बहुत उत्सुक नहीं थे क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि उनका शरीर साथ देगा या नहीं. 


जानिए कैसा रहा करियर
नागपुर के चुनौतीपूर्ण विकेट पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 120 रन के शानदार स्कोर को छोड़कर रोहित ने उस तरह की पारियां नहीं खेली हैं जैसी उनकी क्षमता के खिलाड़ी से उम्मीद की जाती है. रोहित के 2022 में टेस्ट कप्तानी संभालने के बाद से भारत ने 10 टेस्ट खेले जिसमें से तीन में वह नहीं खेले. उन्होंने इस दौरान सात टेस्ट में 390 रन बनाए और उनका औसत रहा. 


उन्होंने इस दौरान एक शतक जड़ा लेकिन इसके अलावा कोई अन्य स्कोर 50 रन से ऊपर नहीं था. इसी दौरान विराट कोहली ने सभी 10 टेस्ट खेले. उन्होंने 17 पारियों में 517 रन बनाए और अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 186 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा. चेतेश्वर पुजारा ने इस दौरान आठ टेस्ट की 14 पारियों में 482 रन बनाए जिसमें दो नाबाद पारियां भी शामिल रहीं. उनका औसत 40.12 रहा लेकिन उन्होंने 90 और 102 रन की दो पारियां बांग्लादेश की कमजोर टीम के खिलाफ खेली. 


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