Sachin Tendulkar Birthday: जब सचिन तेंदुलकर ने बल्ले नहीं, बॉल से दिलाई थी भारत को करिश्माई जीत
Sachin Tendulkar Birthday: क्रिकेट न तो भारत का राष्ट्रीय खेल है और न ही कभी था. यहां तक कि क्रिकेट भारत का पारंपरिक खेल भी नहीं है, लेकिन ये कितनी आश्चर्य की बात है कि आज क्रिकेट का भगवान होने का गौरव एक भारतीय को हासिल है. सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है.
नई दिल्लीः Sachin Tendulkar Birthday: क्रिकेट न तो भारत का राष्ट्रीय खेल है और न ही कभी था. यहां तक कि क्रिकेट भारत का पारंपरिक खेल भी नहीं है, लेकिन ये कितनी आश्चर्य की बात है कि आज क्रिकेट का भगवान होने का गौरव एक भारतीय को हासिल है. सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. आज (24 अप्रैल) सचिन का जन्मदिन है. सचिन अब 50 साल के हो गए हैं. जब भी क्रिकेट और क्रिकेट से संबंधित किस्से-कहानियों को याद किया जाता है, तो इस खास वाकये की याद जरूर आती है.
1993 के हीरो कप का है पूरा वाकया
यह वाकया है, साल 1993 का, जब भारत और साउथ अफ्रीका की टीम हीरो कप के सेमीफाइनल मैच में एक-दूसरे के आमने-सामने थी. इस मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
गेंदबाजी से किया हैरान
आमतौर पर दुनिया सचिन को एक शानदार, अनुभवी, दिग्गज, धुआंधार पारी खेलने वाले और विपक्षी टीमों के दांत खट्टे करने वाले बल्लेबाज के रूप में जानती थी, लेकिन इस मैच में सचिन ने अपनी कुशल गेंदबाजी से हर किसी को हक्का-बक्का कर दिया था.
भारत ने पहले की थी बल्लेबाजी
दरअसल, 24 नवंबर को खेले गए इस सेमीफाइनल मैच में भारत ने कप्तान अजहरुद्दीन के नेतृत्व में पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 195 रन बनाए थे. इस दौरान अजहरुद्दीन ने कप्तानी पारी खेलते हुए 90 रन बनाए थे. प्रवीण आमरे (48) और सचिन तेंदुलकर (15) के अलावा टीम के बाकी कोई भी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को पार नहीं कर पाए थे.
मजबूत स्थिति में थी साउथ अफ्रीका की टीम
वहीं, लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम धीरे-धीरे मैच को अपने गिरफ्त में लाती जा रही थी. भारतीय गेंदबाज हैरान परेशान थे. सारी कोशिशों के बावजूद विपक्षी टीम जीत के करीब दिख रही थी. मामला यहां तक आ पहुंचा कि अब साउथ अफ्रीका को जीत हासिल करने के लिए अंतिम ओवर में महज छह रनों की जरूरत रह गई थी.
कप्तान अजहरुद्दीन ने किया था बड़ा फैसला
भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन के पास गेंदबाजी के लिए कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और मनोज प्रभाकर जैसे नामी गेंदबाज बचे हुए थे, लेकिन कप्तान ने मैच में अपने फैसले से सबको हैरान कर दिया. इतने अनुभवी गेंदबाजों के टीम में शामिल होने के बावजूद सचिन को अंतिम ओवर की गेंदबाजी सौंपी गई. सचिन के लिए सेमीफाइनल में यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी.
कप्तान के फैसले को किया सही साबित
हालांकि, सचिन ने कप्तान के इस फैसले को सही भी साबित किया. अंतिम ओवर की गेंदबाजी करने आए सचिन ने शुरू के लगातार तीन गेंद डॉट डाली. इन तीनों गेंदों पर साउथ अफ्रीका के एक भी रन नहीं बने. खेल का रोमांच यही पर खत्म नहीं हुआ, चौथी गेंद पर एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए. साउथ अफ्रीका को जीत हासिल करने के लिए अब महज एक गेंद पर चार रन की जरूरत थी.
वेस्टइंडीज को हराकर जीता था भारत
उधर, स्ट्राइक पर ब्रायन मैकमिलन थे. ब्रायन ने अपना प्रयास तो पूरा किया, लेकिन उनका यह प्रयास बस प्रयास भर ही रह गया है और सचिन की आखिरी गेंद पर बड़ा शॉट लगाने से चूक गए. लिहाजा मैच का नतीजा भारत के पक्ष में आया. इसके बाद भारत ने फाइनल मैच में वेस्टइंडीज को हराकर हीरो कप का खिताब अपने नाम किया था.
सचिन के नाम दर्ज हैं कई सारे रिकॉर्ड्स
सचिन के क्रिकेट करियर से जुड़ी ये कोई पहली और आखिरी याद नहीं है, बल्कि सचिन जब तक मैदान पर रहे, कोई न कोई नया रिकॉर्ड बनाते रहे. सचिन के नाम आज भी क्रिकेट में कई सारे रिकॉर्ड ऐसे हैं, जिन्हें आज तक कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है. यूं कहे कि सचिन के पास रिकॉर्ड्स और यादों का एक संदूक है, जिस संदूक को खोला जाए तो न जाने कितनी यादें और कितने रिकॉर्ड्स उभर आएंगे.
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