नई दिल्ली: भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली जहां भी गए वहां उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. क्रिकेट डेब्यू से लेकर बीसीसीआई अध्यक्ष तक का उनका सफर कई रोचक किस्सों से भरा रहा है. सौरव गांगुली ने अपने हौसलों और फैसलों के आगे किसी को नहीं आने दिया. पश्चिम बंगाल में जन्में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने 1996 में टेस्ट डेब्यू करते हुए दुनिया को संकेत दे दिया था कि उनके रूप में क्रिकेट को बाएं हाथ का महान बल्लेबाज मिल चुका है. हाल ही में उन्होंने अपने उम्र के 50 साल भी पूरे किये हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सौरव गांगुली को इंग्लैंड में दिखा था भूत


सौरव गांगुली का करियर जितना विवादों से घिरा रहा, उतना ही आश्चर्यजनक किस्सों और कहानियों से भी. दादा के लिए इंग्लैंड पसंदीदा जगहों में से एक है. एक बार 2002 में जब सौरव गांगुली भारतीय टीम के कप्तान थे तब उन्हें एक हैरतअंगेज घटना से दो-चार होना पड़ा था.


उस दौरान टीम इंडिया डरहम के लुमली कैसल होटल में रुकी हुई थी. उस होटल में गांगुली ने एक रात अपने बाथरूम में नल के चलने की आवाज सुनी, लेकिन जब वे उठकर वहां देखने गए तो नल बंद था. ऐसा 3 बार हुआ जब बार बार नल खुद ब खुद चलकर बंद हो रहा था. दादा बुरी तरह डर चुके थे और उन्होंने रॉबिन सिंह की मदद ली.


इयान बॉथम ने किताब में किया किस्से का जिक्र


पूर्व क्रिकेटर इयान बॉथम की ऑटोबायोग्राफी Beefy’s Cricket Tales में इस पूरी घटना का जिक्र है. इस किस्से को याद करते हुए गांगुली ने बताया, "जब मैंने नल चलने की आवाज सुनी तो उठा और पानी बंद करने चला गया. नल पहले से ही बंद था. मैंने सोचा कि शायद कोई सपना है या किसी दूसरे कमरे से नल चलने की आवाज आ रही होगी.


मैं बिस्तर पर वापस चला गया और सो गया. मैं कप्तान था, इसलिए मैं उसे नहीं बता सकता था कि मैं डर गया था और भूतों के बारे में चिंतित था. मैं कर भी क्या सकता था? फिर मैंने उससे कहा कि मेरे कमरे की हीटिंग काम नहीं कर रही इसलिए आप आज रात को मुझे अपने कमरे में रहने दें जिसे रॉबिन ने बिना संकोच के मान लिया."


सचिन ने गांगुली के बारे में किए कई खुलासे


सचिन तेंदुलकर ने बताया कि 1999 में आस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने तय कर लिया था कि उनके कप्तानी छोड़ने पर अगला कप्तान कौन होगा. उन्होंने कहा,‘‘ कप्तानी छोड़ने से पहले भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे पर मैने सौरव को टीम का उपकप्तान बनाने का सुझाव दिया था . मैने उसे करीब से देखा था और उसके साथ क्रिकेट खेली थी.


सचिन तेंदुलकर ने सौरव गांगुली की कप्तानी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सौरव महान कप्तान था. उसे पता था कि संतुलन कैसे बनाना है. खिलाड़ियों को कितनी आजादी देनी है और कितनी जिम्मेदारी.


उन्होंने कहा कि जब उसने कमान संभाली, तब भारतीय क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा था. हमें ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत थी जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सके.उस समय हमें वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी मिले.


तेंदुलकर ने कहा,‘‘ 1991 के दौरे पर हम एक कमरे में रहते थे और एक दूसरे के साथ खूब मस्ती करते. हम अंडर 15 दिनों से एक दूसरे को जानते थे तो आपसी तालमेल अच्छा था. उस दौरे के बाद भी हम मिले लेकिन तब मोबाइल फोन नहीं होते थे. हम लगातार संपर्क में नहीं रहे लेकिन दोस्ती कायम थी.’’

ये भी पढ़ें-  IND vs WI: विंडीज के खिलाफ T20 सीरीज से भी बाहर रहेंगे कोहली, इस खिलाड़ी की वापसी संभव

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.