नई दिल्ली: किसी भी खिलाड़ी के करियर में सब दिन एक समान नहीं होते. सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली से लेकर रोहित शर्मा और विराट कोहली तक ऐसा कोई भी खिलाड़ी नहीं है जिसके करियर में बुरा दौर न आया है. इन सभी क्रिकेटरों ने बुरे दौर से सीख ली और मेहनत करके फिर से बुलंदियां हासिल की.


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मौजूदा समय में विराट कोहली के प्रदर्शन ने सभी को चिंतित कर दिया है. पूर्व कप्तान को लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. कपिल देव समेत तमाम क्रिकेट के जानकार विराट कोहली को निशाने पर ले रहे हैं. क्रिकेट की दुनिया में विराट कोहली इकलौते ऐसे महान खिलाड़ी नहीं हैं जिनके प्रदर्शन में गिरावट आई हो. रिकी पोंटिग, मुथैया मुरलीधरन, सनथ जयसूर्या समेत तमाम महान खिलाड़ी हैं जिन्हें खराब प्रदर्शन के लिए न सिर्फ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा बल्कि उन्हें टीम से स्थान भी गंवाना पड़ा. 


भारत के इन 4 खिलाड़ियों ने मेहनत से बदली अपनी तकदीर


विराट कोहली के अलावा भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर समेत कई क्रिकेटर हुए हैं जिन्होंने सफलता के बाद निराशा और असफलता का ऐसा दौर देखा है जिससे आम खिलाड़ी कभी नहीं उबर सकता. सौरव गांगुली, सचिन, सहवाग और युवराज ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें खराब प्रदर्शन की वजह से सबसे बुरे दौर का सामना करना पड़ा. एक समय ऐसा था जब दुनियाभर में इनके करोड़ों फैंस थे, लेकिन एक बार जब इनकी फॉर्म गायब हुई तो यही लोग आलोचक हो गए.


सचिन तेंदुलकर को मिलने लगी थी संन्यास लेने की सलाह


1997-98  में जब टीम इंडिया को वेस्टइंडीज दौरे पर एक टेस्ट में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था तब सचिन की खूब आलोचना हुई थी. उन्होंने निराश होकर कप्तानी से इस्तीफा भी दे दिया था. उन्हें एक अखबार में तेंदुलकर (Tendulkar) के बजाय एंडुलकर (Endulkar) के उपनाम से संबोधित किया गया. END का मतलब था कि उनका करियर खत्म हो गया लेकिन सचिन ने जोरदार वापसी की और महान खिलाड़ी की उपाधि से आगे बढ़ते हुए 'क्रिकेट के भगवान' होने का तमगा हासिल कर लिया. 


सौरव गांगुली और युवराज को भी खूब सुननी पड़ी खरी खोटी


पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को जिस तरह 2007 में टीम इंडिया से निकाला गया वो उनके लिए जीने मरने जैसा था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वे क्रिकेट की सर्वोच्च बॉडी के बॉस हैं. उन्हें 2005 में टीम इंडिया की कप्तानी से हटाया गया और टीम से भी निकाल दिया गया. 14 महीने बाद गांगुली ने वापसी की और खूब रन ठोके. 


वहीं युवराज सिंह को तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जंग लड़नी पड़ी. उन्होंने कैंसर को मात दी और टीम इंडिया के लिए उसके बाद कई मैच जिताऊ पारियां खेलीं. 


सहवाग को भी होना पड़ा था टीम इंडिया से बाहर


वीरेंद्र सहवाग को भी खराब प्रदर्शन करने पर टीम इंडिया से बाहर किया गया. उन्होंने वापसी की और 2011 विश्व कप में टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई. यही नहीं उन्होंने इतिहास रचते हुए वनडे में दोहरा शतक भी जमाया. विराट कोहली भी इन खिलाड़ियों से सीख लेकर अपने करियर को पहले की तरह बेहतर कर सकते हैं. कोहली पर हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा का भी भरोसा है. 


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