वनडे टी20 से ज्यादा टेस्ट टीम में है खिलाड़ियों का सूखा, जानिए क्या है बड़ी वजह
अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ माने जाने थे लेकिन ये बल्लेबाज इन दिनों बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं.
नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम में ज्यादातर खिलाड़ी एक ही उम्र के हैं और युवा खिलाड़ियों की अभी विदेशी धरती पर कठिन परीक्षा नहीं हुई है.
जिससे ये कहा जा रहा है कि टीम इंडिया में टेस्ट के धाकड़ क्रिकेटरों की फिलहाल कमी है.
विदेश में युवा खिलाड़ियों की नहीं हुई परीक्षा
इस विषय पर लंबे समय से चर्चा हो रही है कि अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ माने जाने थे लेकिन ये बल्लेबाज इन दिनों बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं.
अजिंक्य रहाणे, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा, ईशांत शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, रिद्धिमान साहा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी लगभग समान उम्र के हैं. इनमें से लगभग सभी खिलाड़ी 33 से 35 साल के बीच की उम्र के हैं.
ऐसे में कभी भी ये खिलाड़ी विदाई ले सकते हैं. इतने खिलाड़ियों की जगह लेने के लिए टेस्ट में युवा खिलाड़ियों का सूखा है. इसे लेकर बीसीसीआई भी चिंतित है. यही वजह है कि नई टीम सजाने की जिम्मेदारी राहुल द्रविड़ को दी गई है और NCA में क्रिकेट का स्ट्रक्चर सुधारने के लिए वीवीएस लक्ष्मण को उसकी जिम्मेदारी दी गई है.
हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि युवा खिलाड़ी शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल, श्रेयस अय्यर, पृश्वी शॉ अभी विदेशी धरती पर उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं.
खराब प्रदर्शन से जूझ रहे रहाणे और अश्विन
टीम के बड़े और अनुभवी खिलाड़ियों के अनुपस्थिति में, भारत को पुजारा और रहाणे से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी असफलताओं का दौर कानपुर टेस्ट में भी जारी रहा.
दोनों बल्लेबाजों को स्टार्ट तो मिली, लेकिन वे न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे. ऐसा सिर्फ इस मैच में नहीं हुआ, बल्कि दोनों बल्लेबाज पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रहे हैं. उनका खराब फॉर्म भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
रहाणे की वजह से हुआ टीम का भारी नुकसान
रहाणे जब भी मध्यक्रम में आते हैं तो उनसे काफी उम्मीद की जाती है, लेकिन पिछली कुछ पारियों में उनका बल्ला खामोश रहा है, जिससे टीम को नुकसान भी उठाना पड़ा है.
एक समय था जब मुंबई में जन्मे क्रिकेटर विदेशी दौरों पर भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज थे. शायद यही कारण था कि उन्हें खेल के सबसे बड़े प्रारूप में विराट कोहली का डिप्टी नियुक्त किया गया. हालांकि, पिछले दो सालों में उनके लिए चीजें काफी बदल गई हैं.
2020 में एमसीजी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच जिताने वाले शतक को छोड़कर, उन्होंने कोई भी बड़ी पारी नहीं खेली है. इस वजह से अब उनको टीम से बाहर करने की भी बात सामने आ रही है.
भारत के टेस्ट उपकप्तान को क्या परेशानी हो रही है. इस पर विशेषज्ञों और पूर्व क्रिकेटरों ने अलग-अलग कारण बताए हैं.
पूर्व क्रिकेटरों ने बताया- रहाणे और पुजारा को क्या है परेशानी
भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण को लगता है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज को टेस्ट क्रिकेट में उनके हालिया प्रदर्शन में फुटवर्क समस्या पैदा कर रहा है. वह खेलते समय बैकफुट और फ्रंटफुट की समस्या से जूझ रहे हैं. अगर आपके पैर जमीन पर टिके रहते हैं, तो आप क्रीज का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते, इसलिए वह आउट हो रहे हैं.
इस बीच, न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी ने बताया है कि यह रहाणे के लिए एक मानसिक दबाव हो सकता है और अनुभवी खिलाड़ी को 3 दिसंबर से मुंबई में दूसरे टेस्ट में आराम देना चाहिए ताकि उन्हें रीसेट करने का समय मिल सके.
क्रिकेट में खराब फॉर्म से गुजरना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि हर क्रिकेटर जो बड़े स्तर पर खेल चुका है, इससे गुजरा है. हालांकि, रहाणे का मामला अलग है, क्योंकि वह आत्मविश्वास के साथ नहीं खेल रहे और इसलिए जल्दी आउट हो रहे हैं.
रहाणे की तुलना में चेतेश्वर पुजारा ने विदेशी दौरों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उनका प्रदर्शन भी खराब रहा है. भारतीय टेस्ट बल्लेबाजी क्रम में चेतेश्वर एक चट्टान के रूप में माने जाते हैं, लेकिन पिछले दो सालों में उनका भी बल्ला खामोश रहा है. उनको डिफेंस करने में समस्या आ रही हैं और वह बार-बार इसी अंदाज में आउट हो रहे हैं.
हालांकि, पिछले दो सालों में भारतीय टेस्ट टीम को कई बार बल्लेबाजी को लेकर नुकसान झेलना पड़ा है और नंबर 3 पुजारा की विफलता भी इसका एक प्रमुख कारण है. साउथंपटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में भारत के इस दिग्गज बल्लेबाज का खराब प्रदर्शन एक बहस का मुद्दा बन गया था.
उनकी बल्लेबाजी को लेकर काफी आलोचना की गई थी. हालांकि, पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में निडर होकर बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया. इस पर पुजारा ने कहा, "हां, मुझे ऐसा लगता है कि निडर होकर खेलने से मेरे प्रदर्शन में फर्क आया था, इसमें कोई तकनीकी बड़ा बदलाव नहीं आया था. इसी ने मेरी बल्लेबाजी के दौरान मदद की."
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