नई दिल्लीः सभी क्रिकेट प्रेमियों की नजर भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले सेमीफाइनल मैच पर है. टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप में अब तक अजेय रही है और अपने घरेलू मैदान में चैंपियन बनने की प्रबल दावेदार है, लेकिन टीम इंडिया के लिए यह आसान नहीं होगा. वहीं, न्यूजीलैंड पिछले तीन वनडे विश्व कप में मेजबान टीम से हारकर बाहर हुआ है. जो टीम दोनों पारियों में शुरुआती 15 ओवर में बेहतर खेल दिखाएगी. उसका मैच जीतना लगभग तय हो जाएगा.


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जानें वानखेड़े का हाल
वानखेडे़ की पिच हमेशा से संतुलित रही है और इसमें हर खिलाड़ी के लिए थोड़ी मदद होती है. नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और गेंद थोड़ी पुरानी होने पर स्पिन गेंदबाजों को टर्न और उछाल मिलता है. बल्लेबाज भी उछाल का फायदा उठाकर आसानी से बड़े शॉट खेल सकते हैं. 


टॉस बनेगा मुकाबले का बॉस
टॉस जीतने पर बिना कुछ सोचे पहले बल्लेबाजी करना बेहतर विकल्प होगा. लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को पहले 15 ओवरों तक लगभग टेस्ट क्रिकेट की तरह बल्लेबाजी करनी होगी. हमने देखा है कि रात में बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रात होने तक और ओस आने से पहले आप दो से अधिक विकेट न खोएं.


न्यूजीलैंड का माइंडगेम शुरू
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर और 2019 विश्व कप के दौरान भारत को सेमीफाइनल में हराने वाली कीवी टीम का हिस्सा रहे रॉस टेलर ने तो माइंड गेम भी खेलना शुरू कर दिया है. उन्होंने मुंबई के वानखेड़े में होने वाले सेमीफाइनल से पहले बड़ा बयान दिया. टेलर ने कहा- इस बार भारत खिताब का दावेदार है. वह अपने घर में खेल रहा है और लीग राउंड में काफी शानदार प्रदर्शन किया. 


रचिन-फिलिप्स को निशाना बना सकता है भारत
न्यूजीलैंड के पास भारत की तुलना में अधिक गेंदबाजी विकल्प हैं लेकिन केवल चार विशेषज्ञ गेंदबाज हैं. न्यूजीलैंड की सफलता का एक बड़ा हिस्सा उनके पार्ट टाइम स्पिनर ग्लेन फिलिप्स और रचिन रवींद्र का शानदार प्रदर्शन रहा है. आज के समय में जब दो नई गेंदे और 30 गज के दायरे के अंदर अतिरिक्त फील्डर के नियम के चलते पार्ट टाइम गेंदबाज लगभग विलुप्त हो चुके हैं. न्यूजीलैंड के दोनों पार्ट टाइम गेंदबाजों का इकोनॉमी रेट छह से कम है.


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