World Cup 2023: वो पांच कारण जिनकी वजह से टूटा टीम इंडिया का विश्व कप जीतने का सपना
World Cup 2023: विश्व कप ट्रॉफी, ये वो सपना था जिसे बीते डेढ़ महीने से हर भारतीय जी रहा था. अब तक का बेहतरीन विश्व कप स्क्वाड लेकर उतरे रोहित शर्मा और उनकी टीम ने विश्व कप में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन भी किया. टीम ने लगातार 10 मैच जीते लेकिन फाइलन में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में यह पड़ताल करना जरूरी है कि पूरे टूर्नामेंट में दबदबा बनाने वाली भारतीय टीम कैसे फाइनल हार गई और उसकी हार के क्या कारण थे.
नई दिल्लीः World Cup 2023: विश्व कप ट्रॉफी, ये वो सपना था जिसे बीते डेढ़ महीने से हर भारतीय जी रहा था. अब तक का बेहतरीन विश्व कप स्क्वाड लेकर उतरे रोहित शर्मा और उनकी टीम ने विश्व कप में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन भी किया. टीम ने लगातार 10 मैच जीते और देश को तीसरा विश्व कप जिताने का ख्वाब हर दिन और पुख्ता किया. भारतीय टीम विश्व कप जीतने से सिर्फ एक कदम दूर थी. और उसके सामने थी वही ऑस्ट्रेलिया जिसने 20 साल पहले भारत का विश्व कप जीतने का सपना तोड़ा था.
इस बार लगा था कि भारतीय टीम न सिर्फ 2003 की फाइनल का हार का बदला लेगी बल्कि 2011 के बाद एक बार फिर देश की झोली में विश्व कप लाएगी लेकिन ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर भारत और विश्व कप ट्रॉफी के बीच आ गया. ऐसे में यह पड़ताल करना जरूरी है कि पूरे टूर्नामेंट में दबदबा बनाने वाली भारतीय टीम कैसे फाइनल हार गई और उसकी हार के क्या कारण थे.
1. टॉस हारना और धीमी पिच
यह क्रिकेट का अनूठापन ही है कि यहां कई बार टॉस जीतना और हारना टीम को फायदा या नुकसान पहुंचा सकता है. पैट कमिंस ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया, क्योंकि वह जानते थे कि शाम को ओस आएगी और फिर बल्लेबाजी आसान हो जाएगी. यही हुआ भी, ओस गिरने के बाद स्पिनर्स को मदद मिलनी बंद हो गई. वहीं पहली पारी में पिच बेहद धीमी खेली जिससे भारतीय टीम को बल्लेबाजी करने में परेशानी हुई जबकि दूसरी पारी में पिच अपेक्षाकृत बल्लेबाजी के लिए आसान हो गई थी.
2. रोहित और श्रेयस का विकेट
रोहित शर्मा बेहद अच्छे टच में दिख रहे थे. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है रोहित की वजह से भारत ने 10 ओवर में 80 रन बनाए लेकिन पहले रोहित शर्मा और फिर अगले ही ओवर में श्रेयस अय्यर का विकेट गिरने से भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव आ गया.
3. भारत का रक्षात्मक रवैया
रोहित शर्मा के आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने बहुत ज्यादा रक्षात्मक रवैया अपनाया. केएल राहुल ने 107 बॉल में 66 रन बनाए. इस पारी में उन्होंने सिर्फ 1 चौका लगाया. वहीं 11 से 40 ओवर के बीच सिर्फ दो ही चौके लगे. विराट कोहली, केएल राहुल, रविंद्र जडेजा और सूर्यकुमार यादव सभी ने डिफेंसिव अप्रोच अपनाई. यही वजह रही कि भारत 50 ओवरों में सिर्फ 240 रन बना सका.
4. ऑस्ट्रेलिया की मानसिकता
फाइनल से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने कहा था कि स्टेडियम में आए भारतीय फैंस को शांत कराने से ज्यादा संतोषजनक कुछ भी नहीं होगा. इसके जरिए उन्होंने अपनी टीम को मानसिक तौर पर मजबूत होने का संदेश दिया. वहीं 1 लाख से ज्यादा दर्शकों के बीच 10 ओवर में भारत के 80 रन बनने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया दबाव में नहीं आई और उसने अपनी प्लानिंग पर काम किया और भारत को बैकफुट पर धकेला. ऑस्ट्रेलिया टीम की फील्डिंग पर भी फाइनल का दबाव नहीं था. उन्होंने अपनी शानदार फील्डिंग से न सिर्फ 30-35 रन बचाए बल्कि ट्रेविस हेड के बेहतरीन कैच ने मैच का रुख भी मोड़ा.
5. हेड और लाबुशेन की साझेदारी
241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 47 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे. इसके बाद लगने लगा था कि भारतीय टीम इस मैच पर जल्दी ही अपनी पकड़ मजबूत कर लेगी लेकिन जिस तरह ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने बल्लेबाजी की उसने भारत को मैच से बाहर कर दिया. दोनों बल्लेबाजों ने 192 रन की मैचजिताऊ साझेदारी कर भारत का विश्व कप जीतने का सपना तोड़ दिया.
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