`सनराइजर्स हैदराबाद को ले डूबेगी उनकी ये कमी`, पूर्व कोच ने टीम को जमकर कोसा
सनराइजर्स हैदराबाद के पूर्व मुख्य कोच टॉम मूडी ने टीम को लताड़ लगाते हुए कहा है कि दाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार हैदराबाद को ले डूबेगी.
नई दिल्ली: लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मिली पांच विकेट की हार के बाद सनराइजर्स हैदराबाद की बल्लेबाजी चर्चा का केंद्र बिंदु बन गई है. वह एक धीमी पिच पर 20 ओवरों में महज 121 रन ही बनाए पाए और उनके पूर्व मुख्य कोच टॉम मूडी मानते हैं कि बल्लेबाजी क्रम में दाएं हाथ के बल्लेबाजों की भरमार हैदराबाद के लिए चिंता का सबब है.
'दाएं हाथ के बल्लेबाजों से भरी हुई थी उनकी टीम'
ईएसपीएनक्रिकइंफो टाइम आउट पर मूडी ने बात करते हुए कहा, 'मुझे सबसे अधिक यह बात खटक रही है कि नीलामी के बाद भी उनकी टीम दाएं हाथ के बल्लेबाजों से भरी हुई थी. उन्होंने निकोलस पूरन को रिलीज कर दिया जिन्होंने विनिंग रन बनाए (शुक्रवार को लखनऊ में) और उनके बदले वह 30 फीसदी अधिक महंगे खिलाड़ी (हैरी ब्रूक) को लेकर आए जोकि खुद एक दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. उन्होंने अभिषेक शर्मा को एकादश से बाहर रखा जोकि एक और बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. लखनऊ जैसी धीमी पिच पर हैदराबाद को अपनी वन डाइमेंशनल बल्लेबाजी लाइन अप का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.'
लखनऊ के विरुद्ध हैदराबाद की टीम में वॉशिंगटन सुंदर के तौर पर सिर्फ एक बाएं हाथ का बल्लेबाज खेल रहा था. उन्होंने अभिषेक शर्मा की जगह पर अनमोलप्रीत सिंह के साथ जाना अधिक पसंद किया. पिछले सीजन में हैदराबाद के पास पूरन, अभिषेक और वॉशिंगटन जैसे बाएं हाथ के बल्लेबाज थे.
लखनऊ के गेंदबाजों के खिलाफ हैदराबाद के बल्लेबाज संघर्ष करते नजर आए. बाएं हाथ के स्पिनर क्रुणाल पांड्या, लेग स्पिनर अमित मिश्रा और रवि बिश्नोई, तीनों ने ही दाएं हाथ के बल्लेबाजों को अपनी बाहर जाती गेंदों पर परेशान किया. लखनऊ के लिए इन्हीं तीनों गेंदबाजों ने अपने कोटे के ओवर पूरे किए और संयुक्त रूप से इन्होंने 12 ओवर डाले जिसमें कुल 64 रन देकर 6 विकेट झटके.
अंक तालिका में शीर्ष पर काबिज हो गई है लखनऊ
पंजाब और गुजरात के मुकाबले लखनऊ ने भले ही एक मैच कम खेला हो लेकिन बेहतर नेट रन रेट होने के चलते लखनऊ अंक तालिका में शीर्ष पर काबिज हो गई है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता मानते हैं कि लखनऊ की टीम इतनी संतुलित है कि ऐसा हो सकता है कि उन्हें कुछ मैचों में तो इंपैक्ट प्लेयर तक की जरूरत महसूस न हो.
मार्क वुड और आवेश खान के चोटिल होने के बावजूद लखनऊ के गेंदबाज हावी रहे. इन फॉर्म काइल मेयर्स के ऑल राउंड स्किल के चलते क्विंटन डि कॉक भी प्लेइंग इलेवन में अपनी जगह नहीं बना पाए. यहां तक कि उनके इंपैक्ट प्लेयर आयुष बदोनी तक की बल्लेबाजी करने की नौबत नहीं आई.
दीप ने कहा, 'बैक अप खिलाड़ियों सहित लखनऊ ने हर खांचे को भर रखा है. इंपैक्ट प्लेयर को भूल जाइए, अगर वह इंपैक्ट प्लेयर के बिना भी खेलें तब भी उनकी टीम काफी अच्छी है, चाहे वह बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी. पिछले साल मेगा ऑक्शन में ही उन्होंने एक बेहद अच्छी टीम चुनी और आज भी उन्होंने परिस्थितियों को बखूबी भांपा. उन्हें क्यूरेटर्स से वही मिला जो वो चाहते थे.'
काली और लाल मिट्टी की पिचें तैयार करने का विकल्प
लखनऊ के इकाना स्टेडियम की पिचें लाल और काली मिट्टी से तैयार की जाने वाली दो अलग अलग पिचें होती हैं. एक तरफ दिल्ली के खिलाफ अपने पहले मैच में उन्होंने लाल मिट्टी की पिच पर 193 रन बनाए तो वहीं शुक्रवार को हैदराबाद के खिलाफ वह काली मिट्टी से तैयार की गई पिच पर खेले. दो अलग अलग तरह की पिचें लखनऊ के लिए अपनी और विपक्षी टीम की मजबूती के हिसाब से पिचें तैयार करने का विकल्प देती हैं.
दीप ने कहा, 'उनके पास ऐसा करने का विकल्प और सुविधा दोनों है. भारत में ऐसे कुछ ही वेन्यू हैं, जहां दो अलग अलग तरह की पिचें तैयार की जा सकती हैं. अहमदाबाद में भी काली और लाल मिट्टी की पिचें तैयार करने का विकल्प है.'
मूडी ने कहा, 'अपने घरेलू मैदान पर होम एडवांटेज का फायदा उठाने में कोई समस्या नहीं है. उन्हें संभवत: मैच से 24 से 48 घंटे पहले पता चल गया होगा कि वुड मैच के लिए उपलब्ध नहीं होंगे और इसके बाद उन्होंने इस पिच पर खेलने की पुष्टि की होगी.'
(इनपुट- आईएएनएस)
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