नई दिल्लीः राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने गुरुवार को कहा कि उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने में अगले कुछ घंटों में या शुक्रवार तक‘‘सफलता’’ मिल सकती है. श्रमिकों को बचाने के अभियान के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए, एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि बचाव अभियान की समयसीमा पर अटकलें लगाना उचित नहीं होगा क्योंकि यह युद्ध लड़ने जैसा है. 


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बचाव कार्य दोबारा शुरू होगा
उन्होंने यह भी कहा कि बचाव कार्य रुक गया है और इसके शीघ्र ही फिर से शुरू होने की संभावना है. हालांकि हसनैन के इस बयान से पहले बचाव अभियान की निगरानी कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने संवाददाताओं को बताया कि सिलक्यारा में सुरंग में मलबे में ‘ड्रिलिंग’ के दौरान आई बाधा को दूर करने के बाद बृहस्पतिवार को सुबह फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है. 


कहा- उम्मीद है कि...
खुल्बे ने बताया था, ‘‘लोहे के सरिये के कारण उत्पन्न समस्या को दूर कर लिया गया है. गैस कटर का इस्तेमाल कर सरिये को काट दिया गया है.’’ एनडीएमए सदस्य ने यह भी कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए क्षैतिज ‘ड्रिलिंग’ में तीन से चार और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि 41 एम्बुलेंस सुरंग स्थल पर मौजूद हैं और गंभीर स्थिति वाले श्रमिकों को हवाई मार्ग से ले जाने की भी सुविधाएं हैं. यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था और पिछले 11 दिनों से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है. 


इन मजदूरों को बचाने के लिए कई दिनों से काम चल रहा है और पूरे देश में इसके लिए प्रार्थनाओं का दौर चल रहा है. पीएम मोदी लगातार इस मामले में नजर बनाए हुए हैं. अब देखना होगा कि आखिर सफलता कब मिलती है.


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