नई दिल्लीः विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने बृज भूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा दिए. इस पहलवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में यह जानकारी दी है. 


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जानिए क्या बोलीं विनेश फोगाट
विनेश से पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और डेफलंपिक्स के चैंपियन वीरेंदर सिंह यादव ने अपने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिए थे. विनेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए पत्र में घोषणा की,‘‘मैं अपने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा रही हूं.’’ गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था. 


बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे. पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृज भूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए. चुनाव के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा की थी. खेल मंत्रालय ने हालांकि फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर नव निर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था.


विनेश फोगाट ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा है, 'आप अपनी ज़िंदगी के केवल 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या क्या किया है.उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली और हम महिला खिलाड़ियों को ज़लील करने का एक मौक़ा भी नहीं छोड़ा है.


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