Virat Kohli: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के लिये साल 2019 से शुरू हुआ बल्लेबाजी का संघर्ष आखिरकार समाप्त हो गया है और जिसका ऐलान इस दिग्गज खिलाड़ी ने पिछले 4 वनडे मैच की 3 पारियों में शतक लगाकर किया है. विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ 2019 में लगाये गये शतक के बाद अपने दूसरे शतक के लिये एक हजार से ज्यादा दिनों तक का इंतजार किया और इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी देखे.  2019 में भारत की तीनों प्रारूप में कप्तानी संभाल रहा यह खिलाड़ी अपने अगले शतक किसी भी प्रारूप में कप्तान नहीं रह गया था तो वहीं पर उसकी बल्लेबाजी औसत भी लगातर कम होती जा रही थी.


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हालांकि एशिया कप 2022 में जब विराट कोहली ने वापसी की तो एक अलग ही रंग में नजर आये और इस टूर्नामेंट के आखिरी लीग मैच के दौरान अपना पहला टी20 शतक लगाकर शतकों का सूखा खत्म किया. वहीं बांग्लादेश के खिलाफ अपने वनडे करियर का 44वां शतक लगाकर जो उन्होंने फॉर्म हासिल की वो इस साल भी जारी है और फैन्स को श्रीलंका के खिलाफ आखिरी वनडे में 166 रनों की नाबाद पारी से देखने को मिली. मैच के बाद विराट कोहली युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल के साथ ‘बीसीसीआई.टीवी’ पर बात करते हुए जिन्होंने इस मैच में अपने वनडे करियर का दूसरा शतक लगाया.


इस वजह से कोहली की बल्लेबाजी में आया बदलाव


विराट कोहली ने इस दौरान अपनी बल्लेबाजी में बड़ा बदलाव आने के पीछे के कारण पर बात की और इस बदलाव के पीछे का श्रेय डी राघवेंद्र, नुवान सेनेविरत्ने और दयानंद गरानी की थ्रोडाउन तिकड़ी को दिया है. नेट पर बल्लेबाजों को अभ्यास कराते समय थ्रोडाउन विशेषज्ञ लंबे चम्मच जैसे एक क्रिकेट उपकरण की मदद से गेंद को तेज गति से (140-150 किमी प्रति घंटे की सीमा में) फेंकते हैं. 


मैच के बाद कोहली ने इस बातचीत के दौरान कहा, ‘इन तीनों ने हमें विश्वस्तरीय अभ्यास कराया है. वे नेट पर 145 या 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले तेज गेंदबाजों की तरह हमारी परीक्षा लेते हैं. वे हमेशा हमें आउट करने की कोशिश करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वे नियमित रूप से हमारी परीक्षा लें. कभी-कभी यह काफी कड़ा लगता है. ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिए यह करियर में अंतर रहा है... मैं एक क्रिकेटर के रूप में इस तरह का अभ्यास शुरू करते समय जहां था और अब मैं जहां हूं.’ 


हमारी सफलता के पीछे राघवेंद्र का हाथ


‘रघु’ के नाम से पहचाने जाने वाले कर्नाटक के राघवेंद्र राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी से बीसीसीआई से जुड़े और टीम इंडिया में सबसे पहले आए. वह नियमित रूप से दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को थ्रोडाउन का अभ्यास कराते थे. भारत ने 2018 में श्रीलंका के बाएं हाथ के सेनेविरत्ने को टीम से जोड़ा जिससे कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ तैयारी की जा सके. कोलकाता पुलिस में स्वयंसेवक दयानंद किंग्स इलेवन पंजाब के साथ थे लेकिन 2020 में रघु के कोविड-19 पॉजिटव पाए जाने के बाद उन्हें टीम इंडिया के साथ जोड़ा गया और वह तब से सहयोगी स्टाफ के स्थाई सदस्य हैं. 


कोहली ने कहा, ‘इन लोगों को काफी श्रेय जाता है जिन्होंने हमें नियमित अभ्यास कराया और उनका योगदान अविश्वसनीय रहा है. आप लोगों को उनके नाम और चेहरे याद रखने चाहिए क्योंकि हमारी सफलता के पीछे इन लोगों ने काफी मेहनत की है.’ 


वहीं कोहली से बात कर रहे शुबमन गिल ने कहा, ‘इन तीनों के मिलाकर 1200 से 1500 विकेट होते. वे हमें मैच के दौरान की सभी प्रकार की परिस्थितियों के लिए तैयार करते हैं.’


विश्वकप वाले साल की बेहतरीन शुरुआत


भारत ने अंतिम एकदिवसीय मैच में श्रीलंका को 317 रन से हराकर श्रृंखला 3-0 से अपने नाम की जिसमें कोहली ने तीन मैच में दो शतक लगाए. कोहली ने इसे एकदिवसीय विश्व कप के वर्ष के लिए आदर्श शुरुआत करार देते हुए कहा, ‘यह एक शानदार शुरुआत रही है. काफी समय हो गया है जब मैंने इस तरह से साल की शुरुआत की थी. एक शतक बनाया और फिर श्रृंखला में दो शतक बनाए और मैं श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी रहा. मैं बस इस बात से खुश हूं कि विश्व कप वर्ष में मैं इस तरह से शुरुआत करने में सफल रहा और मुझे पता है कि मैं लगातार ऐसा प्रदर्शन कर सकता हूं. जब मैं इस तरह से शुरुआत करता हूं और मैं आत्मविश्वास महसूस करने लगता हूं, फिर चीजें आम तौर पर अच्छी होती हैं.’ 


कोहली ने गिल को स्वदेश में पहला शतक बनाने के लिए बधाई दी. गिल ने 97 गेंद पर 116 रन बनाए. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 131 रनों की साझेदारी की जिससे भारत ने श्रीलंका को 73 रनों पर समेटने से पहले पांच विकेट पर 390 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. 


कोहली ने गिल को शतक पर दी बधाई


कोहली ने कहा, ‘भारत में आपके पहले शतक के लिए बधाई. आप पहले मैच में शतक के हकदार थे. आज भी आपने शानदार प्रदर्शन किया और भविष्य में स्वदेश और विदेश में कई और शतक आएंगे. मुझे शुभमन के साथ बल्लेबाजी करने में बहुत मजा आया. हमने कई बार लंबे समय तक बल्लेबाजी नहीं की लेकिन आज हमारी अच्छी साझेदारी थी और इससे टीम को भी मदद मिली.’  


जवाब में गिल ने कहा, ‘पहले एकदिवसीय मैच में आउट होना निराशाजनक था. मैं उस मैच में कुछ बड़ा करना चाह रहा था लेकिन दुर्भाग्य से नहीं हो पाया. कोलकाता में भी मैं अच्छा खेल रहा था लेकिन शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में असफल रहा. आज यही था कि अगर शुरुआत मिलती है तो लंबा जाने की कोशिश करूंगा.’


(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


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