देश के दिग्गज नेताओं के साथ इन विदेशी `राजनेताओं` ने भी दिल्ली आकर दी अटल जी को श्रद्धांजलि
अटल जी कहते थे कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं, इसलिए पड़ोसियों से अच्छे संबंध होने चाहिए.
नई दिल्ली: आज शाम करीब 4.30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हुए. दत्तक पुत्री नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी. एम्स में कल गुरुवार शाम 5 बज कर 5 मिनट पर अटल जी ने अंतिम सांस ली थी. स्मृति स्थल पर अटल जी को अंतिम विदाई देने देश के लगभग सभी मुख्य राजनेताओं के साथ लाखों की संख्या में आम लोग भी पहुंचे थे.
अटल जी कहते थे कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं, इसलिए पड़ोसियों से अच्छे संबंध होने चाहिए. इस बात को ध्यान में रखते हुए अटल जी ने बतौर पीएम रहते हुए भारत के सभी पड़ोसी देशों से रिश्तों को सुधारने का काम किया. यही कारण है कि आज अटल जी निधन पर देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के भी राजनेता उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
अटल जी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई पहुंचे थे. हामिद करजई 2004 से 2014 तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे. भूटान से वहां के किंग जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचूक दिल्ली पहुंचे और अटल जी को श्रद्धांजलि दी. वहीं नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली स्मृति स्थल पर पहुंचे और अटल जी को श्रद्धांजलि दी.
पाकिस्तान के कार्यवाहक कानून एवं सूचना मंत्री सईद जफर अली अपने देश के प्रतिनिधि के तौर पर अटल जी के अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इसके अलावा श्रीलंका से वहां के कार्यवाहक विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएला ने भी दिल्ली आकर अटल जी को श्रद्धांजलि दी. बांग्लादेश के प्रतिनिधि के तौर पर विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने उपस्थिति दर्ज कराई और स्मृति स्थल पहुंच कर अटल जी को अंतिम विदाई दी.