7th Pay Commission: सरकार ने तय की GPF में निवेश की सीमा, जमा करना होगा वेतन का इतना हिस्सा
केंद्र सरकार ने जनरल प्रॉविडेट फंड के निवेश पर सीमा लगा दी है. ये लिमिट एक वित्त वर्ष के लिए होगी. बता दें, जीपीएफ में सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी निवेश करते हैं. ये एक तरह की वॉलेंटरी स्कीम है, जो PPF की तरह काम करती है. इसमें निवेश पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता है.
नई दिल्ली: 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है. कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड से जुड़े नियम में सरकार ने बदलाव किया है. नए नियमों के तहत अब जनरल प्रॉविडेंट फंड में निवेश की सीमा तय कर दी गई है.
5 लाख रुपये तक की तय की गई सीमा
केंद्र सरकार ने जनरल प्रॉविडेट फंड के निवेश पर सीमा लगा दी है. ये लिमिट एक वित्त वर्ष के लिए होगी. बता दें, जीपीएफ में सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी निवेश करते हैं. ये एक तरह की वॉलेंटरी स्कीम है, जो PPF की तरह काम करती है. इसमें निवेश पर 7.1 फीसदी का ब्याज मिलता है.
अभी तक तय नहीं थी कोई भी सीमा
डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेल्फेयर के ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक, GPF (सेंट्रल सर्विस) नियम 1960 के तहत अकाउंटहोल्डर का जीपीएफ योगदान कुल वेतन का 6 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए. अब तक GPF में पैसा डालने के लिए कोई भी सीमा तय नहीं थी. कर्मचारी अपनी सैलरी का एक फीसदी अमाउंट इसमें जमा कर सकते थे. लेकिन सरकार ने अब एक वित्त वर्ष में 5 लाख रुपए की अधिकतम सीमा लगा दी है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है GPF
बता दें कि PPF की तरह ही सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) में जमा कर सकते हैं. यह पैसा रिटायरमेंट के समय खाताधारक को लौटाया जाता है. GPF में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है. इसे पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत और पेंशन के अंतर्गत मैनेज किया जाता है.
जनरल प्रोविडेंट फंड अकाउंट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. यह एक तरह की रिटायरमेंट फंड स्कीम है. सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का 15 फीसदी तक GPF खाते में योगदान कर सकते हैं.
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