एक और भारतीय कंपनी द्वारा कोरोना का टीका बना लेने का दावा
ये भी एक उत्साहजनक समाचार है जो यह बताता है कि भारत की कोरोना से जंग कामयाबी के साथ आगे बढ़ रही है. यदि इस भारतीय कंपनी द्वारा कोरोना का टीका बना लेने का दावा सही साबित होता है तो भारत कोरोना के विरुद्ध युद्ध में दुनिया के लिये भी मददगार साबित हो सकता है..
नई दिल्ली. एक और भारतीय कंपनी द्वारा कोरोना का टीका बना लेने का दावा किया गया है. और भारत की यह कंपनी गुजरात की एक बड़ी दवा कंपनी है. अहमदाबाद स्थित इस दवा कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज ने बताया कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी की मदद से कोविड -19 का टीका विकसित करने वाली है.
हेस्टर बायोसाइन्सेज़ ने कर दी घोषणा
अहमदाबाद की दवा कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज काफी दिनों से इस दिशा में कार्य कर रही थी. अब इस कंपनी ने घोषणा भी कर दी है कि उसे कोरोना वैक्सीन बनाने में सफलता मिल गई है. यह कंपनी कोरोना का टीका विकसित करने का आधा श्रेय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी को देती है जिसने इस संपूर्ण प्रक्रिया में सहयोग प्रदान किया है और अब कोविड -19 टीका विकसित करने का महती अभियान अंततः अपनी सफलता के आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया है.
पूना के सीरम इन्स्टीट्यूट ने भी किया है दावा
यह भारत की औषधि उद्योग की सफलता का सूचक है कि कोरोना का टीका बनाने के प्रयास निरंतर तेज होते जा रहे हैं. गुजरात की कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज द्वारा कोरोना टीका बनाने की घोषणा के पूर्व पूना के सीरम इंस्टीट्यूट ने ये दावा किया था कि वह आगामी पांच से छः माह के भीतर कोरोना का टीका तैयार कर लेगा. इधर हेस्टर बायोसाइंसेज की कोरोना वैक्सीन विकसित करने की घोषणा ने उसके शेयरों को 20 फीसदी की उछाल प्रदान कर दी है.
एक हजार रुपये का होगा टीका
हेस्टर के पूर्व पूना के सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कोरोना के टीके के विकसित करने का दावा किया था. इंस्टीट्यूट के अनुसार सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना का टीका बाज़ार में उपलब्ध हो जायेगा और इसकी कीमत लगभग एक हजार रुपये होगी.
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