नई दिल्लीः असम सरकार ने बुधवार को आपातकाल के दौरान जेल भेजे गए 300 से अधिक लोगों को 15 हजार रुपये की मासिक पेंशन देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता मे हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि राज्य सरकार आपातकाल के दौरान जेल भेज गये लोगों को ‘लोकतंत्र सेनानी’ मानती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

...तो पत्नी को दी जाएगी पेंशन की रकम
मंत्री ने कहा, ‘लोकतंत्र के प्रति उनके योगदान को लेकर असम मंत्रिमंडल ने 301 लोगों को मासिक पेंशन देने की आज मंजूरी दी. इन लोगों को 15 हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी. इनमें जिन व्यक्तियों का निधन हो गया है, उनकी पत्नी को यह राशि मिलेगी और यदि दोनों का निधन हो चुका है तो उनकी अविवाहित बेटी को यह रकम मिलेगी.’


असम में दी जा रही सबसे ज्यादा पेंशन 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंघल ने दावा किया कि भारत के कई राज्यों में आपातकाल के दौरान जेल गए लोगों को पेंशन दी जा रही है, लेकिन असम सरकार अपने राज्य के इन लोगों को सबसे ज्यादा पेंशन देने जा रही है. बता दें कि साल 1975 से 1977 तक 21 महीने के लिए तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था. 


आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं को भेज दिया गया था जेल
आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. सत्ता के खिलाफ बोलने वालों को सलाखों के पीछे भेज दिया गया था. सरकार की ओर से कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं. मीडिया, बोलने की स्वतंत्रता पर सरकार का अंकुश था. 


किशोर कुमार के गानों पर लगा था बैन
आपातकाल के दौरान सिंगर किशोर कुमार के गानों को दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडिया पर बैन कर दिया गया था. दरअसल, तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने किशोर कुमार से इंदिरा गांधी के लिए गाने को कहा था, जिससे किशोर ने इनकार कर दिया था.


यह भी पढ़िएः Rain Forecast: लू के प्रकोप के बीच राहत भरी खबर, हल्की बारिश से इन इलाकों में गर्मी होगी कम


 



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.